परीक्षार्थियों के विरोध-प्रदर्शन के बाद एनटीपीसी, लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित


नई दिल्ली। रेलवे ने अपनी भर्ती परीक्षाओं की चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (एनटीपीसी) और लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।

प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे ने एक उच्च स्तरीय समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी।

प्रवक्ता के मुताबिक, दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी।

रेलवे ने कहा, ‘परीक्षार्थियों ने आरआरबी द्वारा 14-15 जनवरी 2022 को जारी एनटीपीसी की केंद्रीकृत रोजगार अधिसूचना (सीईएन 01/2019) के प्रथम चरण के कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) के नतीजों के संबंध में जो चिंताएं और शंकाएं जाहिर की हैं, उन पर गौर करने के लिए एक उच्च अधिकार समिति का गठन किया गया है।’

रेलवे प्रवक्ता के मुताबिक, समिति प्रथम चरण के सीबीटी के नतीजों के साथ-साथ उस कार्य प्रणाली का विश्लेषण करेगी, जिसके आधार पर आवेदकों का दूसरे दौर के सीबीटी के लिए चयन किया गया था।

प्रवक्ता ने बताया कि विश्लेषण प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चयनित आवेदकों पर कोई असर न पड़े, न ही सीईएन आरआरसी 01/2019 में दूसरे चरण के सीबीटी का समावेशन प्रभावित हो।

रेलवे ने एक मेल आईडी भी जारी किया है जिसके जरिये परीक्षार्थी ​ समिति से अपनी चिंताएं और सुझाव साझा कर सकते हैं।

रेलवे ने बताया कि सभी आरआरबी के अध्यक्षों को भी उनके मौजूदा स्रोतों के जरिये परीक्षार्थियों की शिकायतें प्राप्त करने, उन्हें संकलित करने और उच्च स्तरीय समिति को भेजने का निर्देश दिया गया है।

रेलवे प्रवक्ता के मुताबिक, परीक्षार्थियों को समिति के सामने उनकी चिंताएं जाहिर करने के लिए 16 फरवरी तक का समय दिया गया है। समिति इन चिंताओं पर गौर करने के बाद चार मार्च 2022 तक अपनी सिफारिशें पेश करेगी।

रेलवे ने कहा, ‘15 फरवरी 2022 से शुरू हो रहे सीईएन 01/2019 (एनटीपीसी) के दूसरे चरण के सीबीटी और 23 फरवरी को शुरू हो रहे सीईएन आरआरसी 01/2019 के प्रथम चरण के सीबीटी को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।’

उच्च स्तरीय समिति में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं प्रमुख कार्यकारी निदेशक (औद्योगिक संबंध) दीपक पीटर, कार्यकारी निदेशक प्रतिष्ठान (आरआरबी) के सदस्य सचिव राजीव गांधी, पश्चिमी रेलवे के मुख्य कार्मिक अधिकारी (प्रशासन) के सदस्य आदित्य कुमार, चेन्नई आरआरबी के सदस्य अध्यक्ष जगदीश एल्गार और भोपाल आरआरबी के सदस्य अध्यक्ष मुकेश गुप्ता शामिल हैं।

मंगलवार को रेलवे ने एक नोटिस जारी कर परीक्षार्थियों को चेतावनी दी थी कि प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ सहित अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों की रेलवे में भर्ती पर हमेशा के लिए पाबंदी लगा दी जाएगी। यह चेतावनी बिहार में कई जगहों पर प्रदर्शनकारी परीक्षार्थियों के रेलवे पटरियों पर धरने पर बैठने के मद्देनजर आई थी।

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