11 बार टीका लगवाने का दावा करने वाले ब्रह्मदेव मंडल पर एफआईआर




पटना। बिहार के मधेपुरा जिले में 11 बार कोरोना का टीका लगवाने का दावा करके चर्चा में आए ब्रह्मदेव मंडल मुसीबत में फंस गए हैं। ब्रह्मदेव मंडल को अब जेल भेजे जाने की तैयारी की जा रही है।  

उनके खिलाफ बिहार पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। इस तरह से स्वास्थ्य विभाग के गलती का शिकार ब्रह्मदेव मंडल हो गये। मधेपुरा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने उनके खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया है। अपने ऊपर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ब्रह्मदेव मंडल ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि विभाग अपनी लापरवाही छुपाने के लिए मुझ पर आरोप मढ़ रहा है। 

बता दें कि जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल अंतर्गत पुरैनी थाना के ओराय गांव निवासी 84 वर्षीय ब्रह्मदेव मंडल का दावा है कि उन्होंने अब तक कोरोना वैक्सीन की 11 डोज ली है। इतना ही नहीं उसका यह भी दावा है कि वैक्सीन से उसे काफी फायदा हुआ है, जिस कारण से वे इसे बार-बार ले रहे हैं. वह 12वीं बार डोज लेने गये थे, लेकिन असफल रहे।

मंडल का यह दावा अब उनके लिए जी का जंजाल बन गया है। नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति टीकों की दोनों खुराक मात्र एक बार ही ले सकता है। इस मामले में पुरैनी थाना प्रभारी ने मंडल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि की है। ब्रह्मदेव मंडल डाक विभाग में काम करते थे। लेकिन सेवानिवृति के बाद गाँव में ही रहते हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के लोगों की गलती का शिकार मुझे बनाया जा रहा है। मंडल का कहना है कि बिना जांच किए कैसे 11 बार वैक्सीन दी गई? अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए विभाग ने उल्टे उनके खिलाफ ही केस दर्ज करा दी है, जो कही से उचित नहीं है। इस संबंध में जिले के एसपी राजेश कुमार ने बताया कि पुरैनी पीएचसी प्रभारी ने यह मामला दर्ज कराया है।

ब्रह्मदेव मंडल पर धारा 419, 420 और 188 के तहत केस दर्ज हुआ है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। वही प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अब्दुल सलाम ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए कमिटी का गठन किया गया है। राज्य स्तर से भी इसकी निगरानी की जा रही है। जांच रिपोर्ट आते ही मुख्यालय को अवगत कराया जाएगा।

बताया जा रहा है कि ब्रह्मदेव मंडल ने 8 बार आधार कार्ड और एक मोबाइल नंबर पर टीका लिया, जबकि 3 बार मतदाता पहचानपत्र और पत्नी के मोबाइल नंबर पर टीका लगवाया था। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि ऑफलाइन कैंपों में लोग ऐसी गड़बड़ी कर सकते हैं।

उन शिविरों में आधार नंबर और मोबाइल नंबर लिया जाता है जो बाद में कंप्यूटर में फीड किया जाता है। अगर वह विवरण सही नहीं होता है तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। वहीं. मंडल के दावे के बाद स्वास्थ्य महकमा भी हरकत में आया। इस मामले में संबंधित कर्मियों को नोटिस जारी हुआ है। वहीं अब मंडल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।a

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