श्रीनगर : पिछले साल से 2 लाख अधिक संख्या में पहुंचे प्रवासी पक्षी


जम्मू। श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में कश्मीर के दूसरे सबसे बड़े वेटलेंड होकरसर में आने वाले प्रवासी पक्षियों ने रिकार्ड तोड़ दिया है। इस बार इस करीब 13.5 वर्ग किमी में फैले वेटलेंड में साढ़े 4 लाख प्रवासी परिंदें परवाज भर रहे हैं जो पिछले साल की गिनती से 2 लाख ज्यादा बताए जा रहे हैं।

कश्मीर में होकरसर, वुल्लर झील, हायगाम, मीरगुंड और शैलबुग जैसे कई ऐसे इलाके हैं जहां पर ये मेहमान पक्षी अपना डेरा डाले हुए हैं। होकसार के वन्य जीव वार्डन गुलाम मुहम्मद का कहना था कि ये मेहमान पक्षी नवंबर से फरवरी तक 4 माह की अवधि के लिए ही इन स्थानों पर ठहरते हैं। इसके बाद आमतौर पर ये पक्षी अपने पुराने स्थानों की ओर लौटना शुरू कर देते हैं। यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों में ब्राह्णी बत्तख, टफ्ड बत्तख, मिलार्ड, गैरेनरी, रैड क्रास्ट कामन टीट आदि शामिल हैं। लेकिन शैलबुग वेटलेंड के आसपास के इलाकों में निर्माण गतिविधियां ज्यादा होने के कारण वहां प्रवासी पक्षियों की आमद बहुत ही कम दिखी है।
 
सर्दियों की शुरूआत के साथ ही आने वाले मेहमान प्रवासी पक्षियों की संख्या अगर कश्मीर घाटी में रिकार्ड तोड़ने लगी है तो भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित घराना वेटलेंड में इस बार भी कुछ अलग ही नजारा है। झुंड के झुंड प्रवासी पक्षियों के जमा हुए हैं। 

होकरसर स्थित वाइल्ड लाइफ वेटलेंड के अधिकारी गुलाम मुहम्मद के मुताबिक, इस वेटलेंड में इस बार 15 अक्तूबर से ही प्रवासी पक्षियों का आना आरंभ हो गया था। पिछले साल करीब 2.5 लाख पक्षी आए थे और इस बार इनकी संख्या 4.5 लाख को पार कर गई है। कश्मीर में यह वेटलेंड सबसे बड़ा माना जाता है। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक, यह वेटलेंड सही मायनों में करीब 14 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है पर अतिक्रमण का नतीजा यह है कि यह अब 4 से 5 वर्ग किमी के बीच ही सिमट कर रह गया है। 

अधिकारी कहते थे कि पिछले कुछ समय से वन्य जीव विभाग की ओर से प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं और इन कोशिशों के परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। ये मेहमान पक्षी रूस, साईबेरिया, मध्य एशिया और अन्य मुल्कों से आए हैं।

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