बालाघाट : लगातार बारिश के कारण उजड़ा गरीब का आशियाना, जिम्मेदारों ने ओढ़ ली लापरवाही की चादर



लांजी। चार दिनोें से हो रही लगातार बारिश से अब गरीबों के कच्चे घर ध्वस्त होने लगे हैं। मंगलवार कि रात एवं अगले दिन सुबह की बारिश और तेज हवा ने कुम्हारी खुर्द में एक गरीब के मिट्टी से बने घरौंदे को मिट्टी में मिला दिया। हालाकि दीवाल के बाहर की ओर गिरने से कोई हताहत नहीं हुआ परन्तु घर के अंदर रखे राशन व अन्य साम्रगी पानी में भीगकर खराब हो गई। अब परिवार के पास रहने को ठिकाना नहीं है। जनपद पंचायत लांजी अर्तगत ग्राम कुम्हारी खुर्द निवासी दयाराम माहेश्वरी कई साल से कच्चे मकान में रह रहे थे। जैसे-तैसे अपने सिर छुपाने के लिए एक झोपड़ी बना ली। तेज हुई बारिश में कच्चा मकान का मिट्टी अचानक गिरने लगा और मकान के अंदर पानी भर गया। परिवार में स्वयं एवं छोटे बच्चे  होने की वजह से कमाई का कोई जरिया नहीं हैं। किसी तरह से मजदूरी कर अपना जीवन यापन करता है। परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं है। आज भी परिवार गरीबी हालत में जीवन जीने को मजबूर हैं। ऐसे में घर का निर्माण करा पाना मुश्किल है। पंचायत के सरपंच, सचिवों से सहायता की गुहार लगाई है। जिससे कुछ हद परेशानियों से निजात मिल सके। ग्राम पंचायत के सचिव व ग्राम प्रधान रामकिशन लहू चौधरी के द्वारा हितग्राही दयाराम की कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई। जिससे गरीब अपने पत्नी व दो बच्चों को लेकर तीन दिनों से गीली जमीन पर रह रहा है। खाने के लिए अनाज की व्यवस्था खुद को ही करनी पड़ी। पंचायत ने इस आपदा में कोई मदद नहीं की। 

पीएम आवास की राह देख रहा परिवार 

एक तरफ तो सरकार पीएम आवास को लेकर लाखों करोड़ों का बजट खर्च कर रही है।  लेकिन ग्रामीण अंचलों के वास्तवीक हकदारों को आज तक आवास नहीं मिले हैं। गांव-गांव में ऐसे सैकडों परिवार हैं जोे झोपडी में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ऐसे मेें प्रदेश सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश के जनपद पंचायत लांजी अंतर्गत ग्राम कुम्हारी खुर्द मे ऐसा एक परिवार झोपडी में रहने के लिए मजबूर हैं । पीडित परिवार का कहना है कि बारिश में उनके परिवार कि छत व दीवार गिर गई है।  जिसके बात उन्होने ग्राम प्रधान से इसकि शिकायत भी कि है लेकिन ग्राम प्रधान रामकिशन लहू चौधरी  ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया।

इनका कहना है
हमें पता चला कि दयाराम माहेश्वरी का मकान गिरा है तो दूसरे दिन पटवारी व सचिव के साथ जाकर मुवायना किया गया परन्तु हमारे पास उसकी व्यवस्था बनाने के लिए खाली मकान न होने के कारण हमारे द्वारा दयाराम के लिए कोई सहयोग नहीं किया गया।
रामकिशन लहू चौधरी,  सरपंच, ग्राम कुम्हारी खुर्द 

हमने उस घर का सर्वे किया एवं हमने देखा कि उनका घर पालीथीन से बंधा हुआ था और क्षतिग्रस्त था। घर के अन्दर कि सामग्री पानी से गीली हो गई थी। हमारे द्वारा पीड़ित के मकान का पंचनामा प्रतिवेदन बना दिया गया था। इनका पत्रक भर दिया जाएगा।
इंदूलता करकाटेे, पटवारी, ग्राम कुम्हारी खुर्द

नौ तारीख को तेज बारिश हुई थी, हमें दस तारीख को पता चला कि दयाराम माहेश्वरी का मकान गिर गया है। तब उनके निवास स्थान पर ग्राम प्रधान व पटवारी मैडम और ग्रामीण जन के साथ इनके निवास का निरीक्षण किया गया। जिसमें पाया गया कि तेज बारिश से दयाराम के मकान की छत उड़ चुकी थी। पटवारी मैडम द्वारा पंचनामा  तैयार कर तहसीलदार महोदय को तेज बारिश से क्षति होने पर सहायता राशि के लिए  कार्यवाही कर हमारे द्वारा भिजवा दिया गया है।
आशीष बाबू अगासे, सचिव, ग्राम पंचायत कुम्हारी खुर्द

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