अंतर-धार्मिक जोड़ों के बच्चे पिता से गुजारा भत्ता लेने के हकदार : केरल हाई कोर्ट


कोच्चिकेरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि अंतर-धार्मिक जोड़ों के बच्चे पिता से गुजारा भत्ता लेने के हकदार हैं। कोर्ट ने कहा कि पिता के कर्तव्य के पालन के लिए न तो जाति और न ही धर्म मानदंड होना चाहिए। 

जस्टिस मुश्ताक और जस्टिस डॉ. ए कौसर एडाप्पागाथ की खंडपीठ ने कहा कि माता-पिता की जाति और धर्म से इतर सभी बच्चों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए।

पीठ कोझिकोड के रहने वाले जेडब्ल्यू अरागथन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हिंदू धर्म के उपासक अरागथन ने नेदुमनगड फैमिली कोर्ट की ओर से जारी आदेश के खिलाफ ये याचिका दी थी। 

फैमिली कोर्ट ने अरागथन को अपनी मुस्लिम पत्नी की बेटी की शादी के खर्च के लिए 14.67 लाख रुपये देने के निर्देश दिए थे। साथ ही उसकी शिक्षा के खर्च के लिए 96,000 रुपये और गुजारा भत्ता के रूप में 1 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था।

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