वेबिनार : पर्यावरण संरक्षण के लिए सुदूर संवेदन तकनीक उपयोगी


जबलपुर। पर्यावरण संरक्षण में सुदूर संवेदन तकनीक की भूमिका पर वेबिनार का आयोजन वेबिनार का आयोजन विश्व बैंक परियोजना के सहयोग से, भूगोल विभाग, शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य स्वशासी महिला महाविद्यालय जबलपुर द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा जबलपुर एवं प्राचार्य डॉ. लीला भलावी ने अपने उद्बोधन में जैवविविधता संरक्षण में सुदूर संवेदन तकनीक के उपयोग की महती भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु जो क्षेत्र मानव की पहुंच में नहीं उनके विषय में भी जानकारी रिमोट सेंसिंग के माध्यम से प्राप्त कर कार्यवाही संपन्न की जा सकती है। यह वेबिनार भूगोल विषय के विद्यार्थियों और प्राध्यापकों के लिए बहुत उपयोगी होगा।

रिसोर्स पर्सन डॉ. आर. एन. श्रीवास्तव, प्राध्यापक, मृदा एवं जल अभियांत्रिकी विभाग, शासकीय कृषि महाविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर ने रिमोट सेंसिंग के माध्यम से पर्यावरण और कृषि के क्षेत्र में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर उनकी समस्यों की आसानी से पहचान कर समाधान किया जा सकता है। उन्होंने पावर प्वाइंट के माध्यम से विस्तार आभासी माध्यम से प्रस्तुत किया। डॉ. ब्रह्मा नंद त्रिपाठी, वेबीनार संयोजक, विभागाध्यक्ष भूगोल ने वेबिनार की प्रस्तावना एवं उपयोगिता पर व्याखान दिया। विश्व बैंक परियोजना प्रभारी डॉ. जे के गुजराल ने वेबिनार के महत्व को रेखांकित किया।

वेबिनार का संचालन डॉ. अजय तिवारी ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ. किरण कुमार ने किया। आयोजन में श्रीमती हर्षा सिसोदिया और बसंती अग्रवाल का विशेष योगदान रहा।

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