बालाघाट : मां पांढरी पाठ देवी मंदिर में मनाया गया मकर संक्रांति पर्व, भक्तों को प्रसाद में मिली खिचड़ी



लांजी। मां पांढरी पाठ के दरबार में लगा भक्तों का तांता साथ ही मेले का रहा भव्य आयोजन सूर्य के उत्तरायण होने के साथ मकर राशि में प्रवेश करने पर भारतीय संस्कृति की परंपरानुसार मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति से दिन तिल-तिल का बढ़ता है। 14 जनवरी को संपूर्ण नगर व क्षेत्र में मकर संक्रांति का पर्व उल्लासपूर्वक मनाया गया। प्रातः से ही घरों में पारिवारिक परंपरानुसार तिल गुड़ व मुर्रे के लड्डू व नमकीन बनाकर भगवान सूर्यनारायण को भोग लगाकर एक दूसरे को वितरित  किया गया। इसी तरह मंदिरों व पूजा स्थलों में भक्तों द्वारा पूजा अर्चना कर दान भी किया गया। इस दिन दान करने की भी परंपरा है। इसलिए तिल का उबटन, तिल का दान देना इस दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। स्थानीय अवकाश होने से जहां लोगों ने मकर संक्रांति पर्व उत्साह पूर्वक मनाया, वहीं दूसरी ओर बच्चों ने पतंगबाजी कर इस का लुफ्त उठाया। सुबह से छोटे बच्चे एवं किशोर वर्ग के साथ युवा वर्ग भी पतंगबाजी करते नजर आए व शाम तक पतंग उड़ाने व पतंग काटने का दौर चलता रहा।
 
मनीष अग्रवाल एंड ग्रुप के द्वारा दी गई माता गीतों की प्रस्तुति से झूम उठे भक्तगण

मकर संक्रांति पर्व के दिन सुबह से ही रिमझिम बारिश के साथ मौसम का मिजाज बदला रहा। जहां दिन भर बादल छाए रहे वहीं दूसरी ओर युवा वर्ग ने वनभोज यपिकनीकोद्ध का आनंद लिया एवं सोशल मीडिया में एक दूसरे को पर्व की बधाईयां भी देते रहे। इसके अलावा वारी खराड़ी डैम के समीप स्थित वर्षों से लगने वाले मेले में लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर इसका लुत्फ भी लिया। सिद्ध पीठ पांडरी पाठ में प्रातः 8 बजे हवन पूजन का कार्यक्रम प्रारंभ कर माता रानी की स्तुति की गई ।यहां उपस्थित भक्तों ने हवन पूजन पश्चात आरती कर आस्था की डुबकी लगाई व भजनों में मस्त रहे।

अंगना पधारो महारानी शारदा भवानी की धुन से गूँज उठा मां पांढरी पाठ का दरबार

हवन पूजन के पश्चात पांडरी धाम में जबलपुर से आए अंगना पधारो महारानी देवी जागरण के गायक मनीष अग्रवाल एंड ग्रुप के कलाकारों ने ज्योत जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया जो देर शाम तक चलता रहा। जागरण ग्रुप के मुख्य कलाकार मनीष अग्रवाल ने अंगना पधारों मोरी शारदा भवानी ऊंचे पर्वत पे बैठी महारानी, बिगड़ी मेरी बना दे कालों की काल महाकाली, भवानी माई कलकत्ते वाली रण में मचल गई हो माई दयालु मैय्या मेरी बिगड़ी बना दे, आज मचो ब्रज में हल्ला, यशोदा के घर जनम लियो लल्ला, आये रे आये रामलला घर आएं, बिगड़ी मेरी बना दे ओ शारदे मां जैसे देवी गीतों की प्रस्तुति देकर भक्तों को भाव विभोर कर झूमने के लिए मजबूर कर दिया।

माता रानी की आरती के पश्चात माँ के दरबार में खिचड़ी, तिल, गुड़ के लड्डू का प्रसाद के रूप में वितरण किया गया। इसके अलावा बालाजी मंदिर, कोटेश्वर धाम, मां लंजकाई मंदिर एवं स्थानीय नदियों के तट पर भक्तों के आस्था का सैलाब नजर आया। सुबह से लेकर शाम तक लोगों ने मंदिर में पूजा अर्चना कर संक्रांति का आनंद लिया। नगर के श्री कोटेश्वर मंदिर, मां  लंजकाई मंदिर, मां काली मंदिर के अलावा गांगली राजा मंदिर व अन्य पिकनिक स्थलों पर लोगों ने पर्व का आनंद लिया। 

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