पिछले एक दशक में भ्रष्टाचार को कम करने में खास सफलता नहीं मिली : रिपोर्ट


बर्लिन। दुनिया के अधिकतर देशों ने पिछले एक दशक में भ्रष्टाचार के स्तर को कम करने में बहुत कम या कोई प्रगति नहीं की है और कोविड-19 वैश्विक महामारी ने स्थिति को खराब कर दिया है। भ्रष्टाचार विरोधी एक संगठन के अध्ययन में यह दावा किया गया है।

विशेषज्ञों और व्यवसायियों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार की धारणा को मापने वाले ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ के ‘भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक 2021’ के अुनसार, ‘‘ न केवल प्रणालीगत भ्रष्टाचार और कमजोर संस्थानों वाले देशों में, बल्कि स्थापित लोकतांत्रिक देशों में अधिकारों और नियंत्रण एवं संतुलन की व्यवस्था को तेजी से कमजोर किया जा रहा है।’’

रिपोर्ट में पिछले एक साल के जिन मुद्दों का जिक्र किया गया है, उनमें दुनियाभर के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और नेताओं की जासूसी से जुड़ा पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी शामिल है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देशों ने वैश्विक महामारी ने ‘‘मूलभूत आजादी को कम करने और नियंत्रण एवं संतुलन को दरकिनार करने के बहाने के रूप में इस्तेमाल किया है।’’

इसमें कहा गया है कि समग्र रूप से सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले पश्चिमी यूरोप में कई देशों ने वैश्विक महामारी को भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों में ढील देने के लिए बहाना बनाया और ‘‘जवाबदेही एवं पारदर्शिता संबंधी कदमों को नजरअंदाज किया गया या वापस लिया गया।’’

रिपोर्ट के अनुसार, कुछ एशियाई देशों ने ‘‘आलोचना को दबाने के’’ बहाने के तौर पर कोविड 19 का इस्तेमाल किया। उसने कुछ देशों में डिजिटल निगरानी अपनाए जाने का जिक्र किया।

रिपोर्ट में देशों को शून्य यानी ‘अत्यधिक भ्रष्ट’ और 100 यानी ‘अत्यंत पादर्शिता’ के पैमाने पर स्थान दिया गया है।

डेनमार्क, न्यूजीलैंड और फिनलैंड 88-88 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहे। नॉर्वे, सिंगापुर, स्वीडन, स्विटजरलैंड, नीदरलैंड, लक्जेमबर्ग और जर्मनी ने शीर्ष 10 में जगह बनाई। ब्रिटेन 78 अंकों के साथ 11वें स्थान पर रहा।

अमेरिका को 2020 में 67 अंक मिले थे। उसे इस बार भी इतने ही अंक मिले हैं, लेकिन वह दो स्थान लुढ़कर 27वें पर रहा है।

कनाडा 74 अंकों के साथ 13वें स्थान पर रहा।

इस सूचकांक में 180 देशों और क्षेत्रों को अंक दिए गए हैं। दक्षिण सूडान 11 अंकों के साथ सबसे निचले स्थान पर रहा। सोमालिया को 13, वेनेजुएला को 14 और यमन, उत्तर कोरिया और अफगानिस्तान को 16-16 अंक मिले।

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