मध्यप्रदेश : इंदौर को 'स्टार्ट अप केपिटल' बनाने के प्रयास होंगे : शिवराज सिंह


इंदौर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्टार्ट-अप के लिये प्रदेश में अनुकूल और बेहतर से बेहतर वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा और इंदौर को 'स्टार्ट अप केपिटल' बनाने के प्रयास होंगे।

श्री चौहान यहां युवा स्टार्ट-अप उद्यमियों की ओर से आयोजित स्टार्ट-इन-इंदौर कॉन्क्लेव कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। सांसद शंकर लालवानी, जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में युवा स्टार्ट-अप उद्यमी इस आयोजन में मौजूद थे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं में कार्य करने की असीम क्षमताएं हैं। दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं है। जो वह सोच सकता है, उसे कर भी सकता है। मन में कुछ करने की तलब पैदा की जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप की सफलता भी इन्हीं बातों पर निर्भर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की असली ताकत जनता है। आज आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के चार प्रमुख आयामों में इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ और एजुकेशन, गुड गवर्नेस, अर्थव्यवस्था और रोजगार शामिल हैं। प्रदेश में तेजी से औद्योगिक निवेश बढ़ रहा है। नए औद्योगिक केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि इंदौर को कैपिटल ऑफ स्टार्ट-अप बनाया जाएगा। नये उद्योगों के लिये अलग-अलग क्षेत्रों में नवीन इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किये जा रहे हैं। सभी स्टार्ट-अप आगे बढ़े, यह राज्य शासन की मंशा है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा पूरी मदद दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के कार्यक्रम के माध्यम से आए सुझावों को मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप को मदद करने के लिए 'वेंचर फंड' की स्थापना की जाएगी। इस संबंध में कारगर योजना बनाई जाएगी। इंदौर को आईटी हब बनाने की दिशा में भी तेजी से कार्य होंगे। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्यमियों को जमीन, वित्तीय सुविधा आदि मुहैया कराने के लिए कार्य-योजना बनाई जाएगी। स्टार्ट-अप को वित्तीय मदद देने के लिए मॉडल विकसित किया जाएगा। ग्लोबल स्टार्ट-अप इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन भी होगा।

सांसद श्री लालवानी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान की मंशा है कि इंदौर स्टार्ट-अप का हब बने। उनकी इस मंशा को मूर्तरूप देने का कार्य शुरू हो गया है। इंदौर में 300 स्टार्ट-अप उद्यमियों का फोरम बनाया गया है। इस फोरम का यह पहला कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही एक और महा-सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि इंदौर में 24 घंटे कार्य करने की संस्कृति एवं वातावरण को विकसित किए जाने की जरूरत है।

राज्य आपदा प्रबंधन समिति सदस्य डॉ. निशांत खरे ने कहा कि पूर्व में नवाचार करना बहुत कठिन एवं चुनौतीपूर्ण था। शासन द्वारा किए गए प्रयासों से नवाचार एवं नया कार्य करना आसान हो गया है। उन्होंने बताया कि आज के सम्मेलन में लगभग 250 स्टार्टअप्स शामिल हुए हैं। यह बड़ी उपलब्धि है। स्टार्ट-अप नीति बनाने के संबंध में सुझाव लिए जा रहे हैं। कार्यक्रम में अनेक स्टार्ट-अप उद्यमियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

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