बालाघाट। वर्तमान समय में मुस्लिम समाज शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ चुका है, इसे दूर करने के लिए भारत में सुन्नी मुसलमानों के मुख्यालय बरेली शरीफ से पूरे देश में शिक्षा के प्रति जनजागृति लाने विशेष अभियान चलाया जा रहा है। भारत के सबसे बड़े मुफ्ती और धर्मगुरू कायदे अहले सुन्नत असजद रजा खान कादरी के नेतृत्व में इसकी शुरूआत हो चुकी है। जिन्होंने देश के अनेक राज्यों और जिलों का दौरा कर वहां के हालत का जायजा लिया है। इसी कड़ी में जिनका आगमन विगत 3 जनवरी को बालाघाट में हुआ था। यहां अपने प्रवचन के दौरान लोगों को बताया था कि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिम समाज के पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण यह है कि सभी शिक्षण संस्थान पुरूषों के लिए है, जिससे मुस्लिम महिलायें शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ चुकी है। इसे दूर करने के लिए आला हजरत ईमाम अहमद रजा खान द्वारा कायम की गई जमात रजा-ए-मुस्तफा के माध्यम से पूरे भारत में मुस्लिम महिलाओं में शिक्षा के प्रति जागृति अभियान चलाया जायेगा। जिसकी शुरूआत मुख्यालय से ऑनलाईन शिक्षा के माध्यम से कर दी गई है। जिसके माध्यम से मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक एवं धार्मिक तथा बुनियादी शिक्षा से उन्हें जागृत किया जा रहा है।
जमात रजा-ए-मुस्तफा के संरक्षक हाजी शोएब खान ने बताया कि फिलहाल अभी ऑनलाईन शिक्षा, बरेली शरीफ से प्रारंभ हो गई है। जिस ब्लॉक या क्षेत्र में जमात रजा-ए-मुस्तफा में महिला विंग का गठन हो गया है, वहां भी वर्तमान में ऑनलाईन शिक्षा प्रारंभ हो गई है और जिले में जल्द ही सभी ब्लॉकों और तहसील मुख्यालय में जमात रजा-ए-मुस्तफा कमेटी का गठन कर महिला शिक्षा को प्रारंभ किया जायेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोविड को देखते हुए ऑनलाईन शिक्षा की व्यवस्था की गई है और जल्द कोविड के बादल छटते ही मुस्लिम महिलाओं के लिए ऑफलाईन शिक्षा केन्द्र की स्थापना की जायेगी। जहां महिला मुफ्ती और विशेषज्ञ महिला शिक्षकांे द्वारा मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक एवं धार्मिक तथा बुनियादी शिक्षा दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि जमात रजा-ए-मुस्तफा कमेटी में महिला विंग का गठन जिले के बालाघाट, वारासिवनी, कटंगी, तिरोड़ी, लांजी में हो चुका है, जल्द ही पूरे जिले के हर ब्लॉक एवं तहसील में गठन कर मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक एवं धार्मिक तथा बुनियादी शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जायेगा।
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