शानदार : इसरो का 2022 में पहला उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित


श्रीहरिकोटा/आंध्र प्रदेश। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2022 के अपने पहले प्रक्षेपण अभियान के तहत धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह ईओएस-04 और दो छोटे उपग्रहों को पीएसएलवी-सी 52 के जरिए सोमवार को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। इसरो ने इसे ‘अद्भुत उपलब्धि' बताया है। अंतरिक्ष एजेंसी के प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने अंतरिक्ष के लिए सुबह पांच बजकर 59 मिनट पर उड़ान भरी और तीनों उपग्रहों को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। साल के पहले मिशन पर करीबी नजर रख रहे वैज्ञानिकों ने इस पर खुशी जतायी और तालियां बजाईं। 

सफल प्रक्षेपण की घोषणा करते हुए इसरो ने कहा कि करीब 19 मिनट की उड़ान के बाद प्रक्षेपण यान ने उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित किया। उसने बताया कि ईओएस-04, इन्सपायर सैट-1 और आईएनएस-2टीडी को सुबह छह बजकर 17 मिनट पर सूर्य की तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया गया और उपग्रहों को जिन कक्षाओं में स्थापित किया गया, वह निर्धारित कक्षाओं के ‘बेहद करीब' है। इसरो के ‘टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क' ने बताया कि आने वाले दिनों में उपग्रह को अंतिम परिचालन की स्थिति में लाया जाएगा, जिसके बाद वह आंकड़ें मुहैया कराना शुरू करेगा। 

इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के बाद कहा, ‘पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। प्राथमिक उपग्रह ईओएस-04 को पीएसएलवी-सी52 ने बेहद सटीक कक्षा में स्थापित किया और इसके साथ ही गए उपग्रह इन्सपायर सैट-1 और आईएनएस-2टीडी को भी सही कक्षा में स्थापित किया।' 

संयोग से आज का प्रक्षेपण सोमनाथ के हाल में अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद पहला अभियान भी है। 

उन्होंने इस मिशन को संभव बनाने के लिए हर किसी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ‘यह अंतरिक्ष यान देश की सेवा करने के वास्ते हमारे लिए बड़ी संपत्तियों में से एक होगा।'   

मिशन के निदेशक एस आर बीजू ने कहा, ‘आज हमने जो हासिल किया है, वह वाकई शानदार है।'

 उपग्रह निदेशक श्रीकांत ने कहा कि ईओएस-04 प्रक्षेपण यान से अलग होने के बाद बिल्कुल सही-सलामत है और प्रक्षेपण के बाद सौर पैनल खुद तैनात होते हैं और उन्होंने वांछित ऊर्जा देना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिनों में उपग्रह धरती की तस्वीरें देने लगेगा। इसकी सेवाएं कई सरकारी विभागों का अहम हिस्सा होंगी।

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