मध्यप्रदेश : मंत्रियों के खेतों को प्राकृतिक खेती के मॉडल के तौर विकसित किए जाने की तैयारी


भोपाल। मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने दिए नवाचार पर जोर दिया जा रहा है, इसी क्रम में राज्य के मंत्रियों के खेतों को प्राकृतिक खेती के मॉडल के तौर विकसित किए जाने की तैयारी है।

राज्य में खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे है, किसानों को तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। अब प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की तरफ सरकार ने प्रयास तेज किए है।

राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कृषि का विविधीकरण, मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहन और प्राकृतिक तथा जैविक खेती राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री चौहान ने अपने साथी मंत्रियों से कहा है कि मंत्रि-परिषद के जिन-जिन सदस्यों के पास खेती है, वे अपने खेत में प्राकृतिक खेती का मॉडल फॉर्म विकसित करें। इससे लोग प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित होंगे और धरती का स्वास्थ्य सुधारने में मदद मिलेगी।

एक तरफ जहां मंत्रियों के खेतों को प्राकृतिक खेती का मॉडल बनाया जाएगा, वहीं नर्मदा नदी के दोनों ओर पांच किलोमीटर की पट्टी पर प्राकृतिक खेती को विकसित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। प्रदेश में फसल पैटर्न के बदलाव का कार्य खरीफ की फसलों के साथ आरंभ कर दिया जाएगा।

सरकार ने प्रदूषण को रोकने के मकसद से नरवाई जलाने की प्रथा पर नियंत्रण के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जाएंगे, इसके लिए किसानों को किराए पर मशीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उद्यानिकी सहित पॉली हाउस, नर्सरी, प्राकृतिक खेती आदि के लिए दक्ष व्यक्तियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उददेश्य से प्रदेश में मालियों के प्रशिक्षण के लिए विशेष व्यवस्था की जाना आवश्यक है। इस दिशा में कृषि विश्वविद्यालयों को जोड़कर रणनीति बनाई जाए।

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