यूपी में पहला श्वान शवदाह गृह, पालतू कुत्तों का अंतिम संस्कार कराने की सुविधा


नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश का पहला श्वान शवदाह गृह गाजियाबाद शहर में शुरू हो गया है। जहां पालतू डॉगी के शव का अंतिम संस्कार हो सकेगा। इसके लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है। लावारिस एवं निराश्रित कुत्तों का क्रिया-कर्म नि:शुल्क किया जाएगा। 

पशु प्रेमियों के लिए अच्छी खबर 
यह शवदाह गृह गैस से संचालित है। ऐसे में बिजली की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। गाजियाबाद नगर निगम ने नंदग्राम के सामने नंदी पार्क में श्वान केंद्र के पास श्वान शवदाह गृह स्थापित किया है। यह यूपी का पहला गैस आधारित श्वान शवदाह गृह है। इसके लिए सीएसआर फंड से 9 लाख 89 हजार की धनराशि नगर निगम को उपलब्ध कराई गई थी। 

गाजियाबाद में सुविधा आरंभ
शवदाह गृह में पैट क्रीमेटर मशीन के जरिए पालतू कुत्तों के साथ-साथ लावारिस एवं निराश्रित कुत्तों का दाह संस्कार भी किया जा सकेगा। मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल के मुताबिक यूपी पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक सेंथिल पांडियन सी के सहयोग से इस केंद्र की स्थापना के लिए फंड मिल पाया था। शवदाह गृह की देख-रेख एवं संचालन का जिम्मा नगर निगम को सौंपा गया है। 

पैट क्रीमेटर मशीन स्थापित
शहर में मृत श्वानों को दफनाने या दाह संस्कार के लिए अब तक कोई स्थायी जगह नहीं थी। नतीजन मृत कुत्तों को नागरिकों द्वारा जहां-तहां फेंक दिया जाता था। इससे बीमारियां फैलने का खतरा कायम रहता था। यह समस्या भी दूर हो जाएगी। उधर, नगर निगम के उप मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अनुज कुमार सिंह ने बताया कि श्वान शवदाह गृह आरंभ होने से बड़ी समस्या से छुटकारा मिला है। 

नहीं होगी श्वान के शव की दुर्गति
पशुप्रेमी अपने पालतू श्वान की मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार करा सकेंगे। पालतू श्वान के अंतिम संस्कार का शुल्क 500 रुपए तय किया गया है। इस शुल्क से शवदाह गृह पर तैनात कर्मचारियों के वेतन की भरपाई की जाएगी। जबकि लावारिस एवं निराश्रित कुत्तों का अंतिम संस्कार नि:शुल्क होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में मृत डॉगी के शव की वजह से नागरिकों को दुर्गंध का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। 

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