नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा इंटर-ऑपरेेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को लागू करने के मसौदे को मंजूरी दे दी है और इस कदम का आल इंडिया बार एसोसिएशन ने स्वागत किया है। इस सिस्टम के लागू होने के बाद किसी भी अपराधी की पूरी कुंडली जांच अधिकारी एक क्लिक पर खंगाल सकेंगे। देश भर में किसी भी शहर में रहें और यदि कोई अपराध आपके नाम दर्ज है और दूसरा अपराध दूसरे शहर में दर्ज हुआ तो पूरा विवरण कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगा।
दरअसल अभी किसी के खिलाफ कितनी एफआईआर किस शहर में दर्ज हैं यह जानकारी एक स्थान पर नहीं मिल पाती है इसीलिए केंद्र सरकार द्वारा इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को लागू करने के फैसले को लागू करने को मंजूरी दी है। इसके बाद एफआईआर दर्ज होते ही अपराधी का नाम, आधार दर्ज किया जाएगा और यह सिस्टम में आते ही उसके खिलाफ दर्ज सभी मामले सामने आ जाएंगे और इससे जांच अधिकारी को जांच में सुविधा होगी।
आल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आदिश सी. अग्रवाल ने कहा कि अपराधी का पूरा रिकार्ड पूरे देश में डिजिटाइज हो जाएगा इससे अदालती कामकाज में भी सुविधा होगी। अदालतों को भी इसी सिस्टम से जोड़ा जाएगा।
ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी. अग्रवाल ने केंद्र के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह सिस्टम को और अधिक मजबूत बनाएगा, पराधियों को ट्रैक करने, अपराधों को सुलझाने और भारत को एक सुरक्षित स्थान बनाने में मदद करेगा।
उन्होने कहा कि अपराधियों की मैपिंग को लेकर लंबे समय से चली आ रही जरूरत अब इस सिस्टम से पूरी होने जा रही है। इस प्रणाली में आपराधिक न्याय रिकॉर्ड को डिजिटाइज होने से जहां कानूनी प्रक्रिया आसानी से काम कर सकेंगी वहीं प्रवर्तन एजेंसियों, प्रयोगशालाओं और अदालतों को भी सुविधा होगी। क्योंकि इस सिस्टम के लागू होने से कोई भी कानून से नहीं खेल सकेगा और न ही जांच एजेंसियों से कुछ छिपा सकेगा।
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