बालाघाट : अंतिम छोर तक नहीं पहुंचा विकास, मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्राम कुकड़ा


परसवाड़ा। जनपद पंचायत परसवाड़ा की ग्राम पंचायत फतेहपुर के ग्राम कुकड़ा आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यह गांव ऐसा है जहां आने जाने के लिए पक्की सड़क तक नहीं है और यहां के लोगों को जंगल के पथरीले उबड़-खाबड़ रास्ते से बारिश के मौसम में कीचड़ में होकर मुख्य मार्ग तक आना पड़ता है, लेकिन प्रशासन के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जनपद पंचायत परसवाड़ा की ग्राम पंचायत फतेहपुर के कुकडा गांव जंगल  के बीच में स्थित है। इस गांव में बैगा जनजाति के लोग निवास करते हैं। मुख्य मार्ग से महज तीन, चार किमी दूर गांव तक आने जाने के लिए कोई भी पक्की सड़क नहीं है, इससे लोगों को आज भी कच्चे सड़क मार्ग से आना जाना पड़ता है। इस संबंध में ग्रामीण ने कई बार प्रशासन से कुकड़ा से चिनी गांव तक पक्की सड़क बनवाए जाने की मांग की लेकिन  इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जनप्रतिनिधि भी अनजान बने हुए हैं। इससे गांव का कोई विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। ग्राम कुकड़ा में बिजली, पानी और सड़क की प्रमुख समस्या है।

स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव

ग्रामीणों ने बताया कि कहने के लिए तो गांव में कक्षा पांचवीं तक स्कूल हैं लेकिन शिक्षा व्यवस्था चौपट है,यह स्कूल अधिकतर बंद ही रहता है। जिससे यहां के ग्रामीण बच्चे भी अपनी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। बारिश के मौसम में अगर कोई बीमार हो जाता है तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस गांव में जननी गाड़ी 108 भी नहीं पहुंच पाती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि सरकार द्वारा भले ही लाखों दावे किए जा रहे हैं कि ग्रामीण अंचल के विकास किया जा रहा है और ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं परन्तु ग्राम पंचायत फतेहपुर के ग्राम कुकड़ा आज भी इन सुविधाओं से वंचित है।

सरकार द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से विभिन्न योजनाओं को संचालित किया जा रहा है लेकिन कुकड़ा गांव के ग्रामीणों को आज भी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की  समस्याओं को हल करने की बात तो की जा रही है, लेकिन कुकड़ा गांव तक आज भी कोई अधिकारी-कर्मचारी ग्रामीण की समस्याओं को हल करने के लिए मौके पर नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस गांव की ओर ध्यान दिए जाने की मांग की है ।

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