अंसल बंधुओं की सजा निलंबित करने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

उपहार सिनेमा।-फाइल फोटो

उपहार सिनेमा में आग लगने की घटना में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ मामला

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने उपहार सिनेमा में आग लगने की घटना में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ मामले में रियल एस्टेट कारोबारियों सुशील और गोपाल अंसल को दी गई सात साल कारावास की सजा निलंबित करने से इनकार कर दिया। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, ‘जहां तक अंसल बंधुओं की बात है, तो मैं इस याचिका को खारिज कर रहा हूं।' 

पिछले साल अंसल बंधुओं और अदालत के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा तथा दो अन्य -पी. पी. बत्रा तथा अनूप सिंह करायत को निचली अदालत ने सात वर्ष कैद की सजा सुनाई थी और सत्र अदालत ने सजा स्थगित करने एवं उन्हें जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया था। 

जस्टिस प्रसाद ने सह-दोषी अनूप सिंह करायत की सजा स्थगित करने की याचिका को स्वीकार कर लिया। दोषसिद्धी के खिलाफ दायर अपील पर मजिस्ट्रेट अदालत में फैसला होने तक सज़ा को निलंबित करने का आग्रह करने वाली अर्जी को खारिज करते हुए सत्र अदालत ने कहा था कि यह अपनी तरह का सबसे गंभीर मामला है और यह आपराधिक न्याय की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए दोषियों की सोची समझी साजिश का नतीजा है। 

पुलिस के वकील ने दलील दी थी कि याचिकाकर्ताओं ने मुख्य उपहार सिनेमा मामले में सुनवाई के रिकॉर्ड का हिस्सा बनने वाले अहम दस्तावेजों को विकृत किया था जिससे अभियोजन पक्ष को मुख्य मामले में द्वितीयक साक्ष्य दर्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा और इस वजह से निचली अदालत में कार्यवाही में देरी हुई।

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