फाइल फोटो |
इंदौर। करीब तीन साल पहले जून-2019 में एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ जिसमें भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीयइंदौर नगर निगम के एक अधिकारी को बल्ले से पीटते नजर आए थे। ये मामला तब खूब सुर्खियों में छाया था और घटना के बाद निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस ने भाजपा विधायक के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। हालांकि, अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है।
आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ बयान से पलटे अधिकारी
धीरेंद्र ने शनिवार को कोर्ट में कहा कि उन्होंने नहीं देखा था कि पीछे से उन्हें बैट से किसने मारा। धीरेंद्र ने इंदौर कोर्ट में अपने बयान में कहा, 'घटना के समय मैं फोन पर बात कर रहा था। मैंने जब पीछे मुड़कर देखा तो आकाश विजयवर्गीय पांच अन्य लोगों के साथ खड़े थे। आकाश के हाथ में बैट था। हालांकि, मैंने नहीं देखा कि मुझ पर हमला किसने किया था।' कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 25 फरवरी को करेगी।
इंदौर का बल्ला कांड
यह पूरा मामला 26 जून 2019 का है। उस दिन नगर निगम का एक दल इंदौर के गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर मकान समेत अन्य मकानों को तोड़ने पहुंचा था। इस दौरान इंदौर विधानसभा-3 के विधायक आकाश विजयवर्गीय भी समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए और कार्रवाई को रोकने की कोशिश की।
इस दौरान उनके समर्थक भी मौजूद थे। निगम अधिकारियों से कहासुनी के बीच आकाश विजयवर्गीय ने जोनल अधिकारी धीरेंद्र बायस की क्रिकेट बैट से पिटाई कर दी थी। यह घटना कैमरे में कैद हो गई थी और मामले ने खूब तूल पकड़ा था। बाद में इस मामले में विजयवर्गीय गिरफ्तार भी हुए थे। उस समय राज्य में कमलनाथ की सरकार थी।
इस मामले में आकाश विजयवर्गीय के 11 समर्थकों को भी गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने तब सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया था। बाद में भोपाल की स्पेशल कोर्ट से 29 जून को आकाश को जमानत मिल गई थी।
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