राजधानी ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाकर 200 किलोमीटर प्रति घंटा करने की अभी कोई योजना नहीं: अश्विनी वैष्णव

अश्विनी वैष्णव ने ये भी कहा कि रेलवे के निजीकरण किए जाने की कोई योजना नहीं है।

नई दिल्ली।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे की राजधानी ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाकर 200 किलोमीटर प्रति घंटा करने की अभी कोई योजना नहीं है। राजधानी ट्रेनें अधिकतम 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। इस समय देश में 50 राजधानी ट्रेन संचालित हो रही हैं। वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, 'फिलहाल भारतीय रेलवे की राजधानी ट्रेनों की गति बढ़ाकर 200 किलोमीटर प्रति घंटा करने की कोई योजना नहीं है।'

'रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं'
अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को ये भी स्पष्ट किया कि रेलवे के निजीकरण का कोई प्रश्न ही नहीं है और इस बारे में कही गई सारी बातें ‘काल्पनिक’ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की दृष्टि में ‘रणनीतिक क्षेत्र’ के रूप में रेलवे की सामाजिक जवाबदेही है जिसे वाणिज्यिक व्यवहार्यता पर ध्यान देते हुए पूरा किया जा रहा है।

रेल मंत्री ने यह भी कहा कि भर्ती को लेकर छात्रों के साथ ‘गलतफहमी’ को रेलवे ने सहानुभूतिपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है। उन्होंने कहा, 'भर्ती पर कोई रोक नहीं है....1.14 लाख रिक्तियों को लेकर भर्ती प्रक्रिया जारी है।'

वर्ष 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा’ का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा, 'रेलवे के निजीकरण का कोई प्रश्न ही नहीं है। इस बारे में कही गई बातें काल्पनिक हैं।' 

उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं हो सकता है क्योंकि पटरियां रेलवे की हैं, इंजन रेलवे के हैं, स्टेशन और बिजली के तार रेलवे के हैं। इसके अलावा डिब्बे और सिग्नल प्रणाली भी रेलवे की ही हैं।

वैष्णव ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती पीयूष गोयल भी पहले स्पष्ट कर चुके हैं कि रेलवे का ढांचा जटिल है और इसका निजीकरण नहीं होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मालगाड़ियों का भी निजीकरण नहीं किया जा रहा है।

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