गोवा विधानसभा चुनाव : कोई 76 वोटों से हारा तो कोई 716 मतों से जीता !


पणजी। गोवा विधानसभा चुनावों के नतीजों के अनुसार 10 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत का अंतर काफी कम, 76 से 716 मतों का रहा। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार गोवा के इन निर्वाचन क्षेत्रों में से 2 में जीत का अंतर 100 मतों से भी नीचे रहा। राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 14 फरवरी को चुनाव हुए थे और बृहस्पतिवार को परिणाम घोषित किए गए। भारतीय जनता पार्टी राज्य में 20 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। 

उत्तरी गोवा के सेंट आंद्रे निर्वाचन क्षेत्र में सबसे कम 76 मतों का जीत का अंतर दर्ज किया गया, जहां राज्य में एक नए राजनीतिक संगठन रिवोल्यूशनरी गोअन्स पार्टी (आरजीपी) के उम्मीदवार वीरेश बोरकर ने भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा विधायक फ्रांसिस सिलवीरा को पराजित किया। 

पोंडा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के रवि नाइक और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के उम्मीदवार डॉ. केतन भाटीकर के बीच कड़ी टक्कर देखी गई। जहां शुरुआती नतीजों में डॉ. भाटीकर के विजेता होने की घोषणा की गई थी, वहीं वोटों की फिर से गिनती कराये जाने पर नाइक ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 77 वोट अधिक प्राप्त करके चुनावी मुकाबले में जीत हासिल की। 

दक्षिण गोवा में वेलिम निर्वाचन क्षेत्र में भी एक करीबी मुकाबला देखा गया, जहां आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार क्रूज सिल्वा ने कांग्रेस के सावियो डी सिल्वा को 169 वोट से हराया। 

दक्षिण गोवा के प्रियोल निर्वाचन क्षेत्र में, भाजपा उम्मीदवार गोविंद गौडे ने एमजीपी अध्यक्ष और पार्टी उम्मीदवार दीपक धवलीकर को 213 मतों के अंतर से हराया। 

भाजपा के नेता एवं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत शुरुआती दौर की मतगणना में पीछे चल रहे थे, लेकिन दूसरे और तीसरे दौर में उनके प्रदर्शन में सुधार हुआ। उन्होंने कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी धर्मेश सगलानी को 666 मतों के अंतर से हराया। 

जीत के कम अंतर के बारे में सावंत ने बाद में कहा कि यह उनके लिए चिंता का विषय है और वह इस पर आत्मनिरीक्षण करेंगे। 

पणजी निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार अतानासियो मोनसेराटे और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे, निर्दलीय उम्मीदवार उत्पल पर्रिकर के बीच करीबी मुकाबला देखा गया। इसमें मोनसेराटे ने 716 मतों से जीत दर्ज की। मोनसेराटे ने कहा कि वह अपनी जीत के अंतर से खुश नहीं हैं और उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर उन्हें पार्टी में स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया। पणजी से भाजपा द्वारा टिकट देने से इनकार करने के बाद पर्रिकर ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया था। 

विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर बिचोलिम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार थे। वह, निर्दलीय उम्मीदवार डॉ चंद्रकांत शेट्टी से 318 मतों से पराजित हुए। विधायक चुने जाने के बाद शेट्टी ने तुरंत भाजपा को अपना समर्थन दिया। दक्षिण गोवा के कुरचोरम निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार अमित पाटकर के खिलाफ बिजली मंत्री और भाजपा उम्मीदवार नीलेश कैबराल ने 672 मतों से जीत हासिल की। 

जीत अरोलकर (एमजीपी) और उल्हास तुऐनकर (भाजपा) ने भी अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बहुत कम अंतर से जीत हासिल की। मांद्रेम सीट पर अरोलकर ने भाजपा उम्मीदवार दयानंद सोपटे को 715 मतों से हराया, जबकि तुऐनकर ने नावेलिम निर्वाचन क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार वलंका अलेमाओ को 430 मतों से हराया। 

भाजपा राज्य में 20 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और उसने राज्य में लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय दल एमजीपी और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल किया। भाजपा ने 2017 में 13 सीटों पर जीत हासिल की थी। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 21 है।

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