कोलकाता। फिल्म अभिनेता और पूर्व भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियां भाजपा सरकार की सबसे बड़ी सहयोगी हैं, जो प्रकृति में सत्तावादी होती हैं।
पश्चिम बंगाल के आसनसोल लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव के लिए टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई भी व्यक्तिगत कटुता नहीं है लेकिन राजनीतिक मतभेद जरूर हैं, जो निकट भविष्य में हल होने वाले नहीं हैं।
दशकों तक भाजपा की सेवा करने वाले और 2014 के बाद भगवा खेमे से दरकिनार कर दिये जाने के बाद साल 2019 में कांग्रेस का दामन थामने वाले नेता-अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा इस समय तृणमूल कांग्रेस के झंडे तले मोदी सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं।
अपने सीधे संवाद और भाषणों के लिए जनता के बीच काफी लोकप्रिय 'शॉटगन' सिन्हा ने कांग्रेस छोड़ने के पीछे के कारणों पर सीधा जवाब देने से परहेज किया और हुए कहा, "कभी-कभी सही दिशा में जाने के लिए, आपको एक नई दिशा लेनी पड़ती है।"
शत्रुघ्न सिन्हा ने बंगाल उपचुनाव में प्रतिद्वंद्वियों द्वारा "बाहरी" के टैग जोड़े जाने को खारिज करते हुए कहा कि वह "किसी बंगाली से कम बंगाली नहीं" हैं।
उन्होंने कहा, "भाजपा वाले मुझ पर राजनीतिक अवसरवाद का आरोप लगा रहे हैं, वो क्या जानते हैं मुझे। अब तो मुझे यह लगता है कि भाजपा दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा बनाई पार्टी नहीं है, वो एक सत्तावादी संगठन में बदल गई है। यह सीबीआई, ईडी और का उपयोग करती है। आयकर विभाग के जरिये अपने राजनीतिक विरोधियों से हिसाब चुकती है।"
शत्रुघ्न सिन्हा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "भाजपा के पास अब सहयोगी नहीं हैं क्योंकि ज्यादातर दलों ने एनडीए छोड़ दिया है। इसलिए वो अब केंद्रीय एजेंसियों के सहारे सरकार चला रही है, जो उनकी सबसे बड़ी सहयोगी हैं।"
जनता की सेवा करने का मौका देने के लिए तृणमूल प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद देते हुए सिन्हा ने कहा, "मेरे पास पीएम मोदी के खिलाफ कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। मतभेद विशुद्ध रूप से राजनीतिक हैं। अगर हम राजनीतिक मतभेदों को हल करने में सक्षम होते तो आज मैं यहां नहीं होता।"
कांग्रेस में दिये अपने तीन साल के कार्यकाल पर नजर डालते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस ने उनके शामिल होने के समय किए गए कई वादे पूरे नहीं किए।
भाजपा छोड़ने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा साल 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गये थे और लोकसभा चुनाव में पटना साहिब की सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें भाजपा के रविशंकर प्रसाद से हार का सामना करना पड़ा था। सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं।
कांग्रेस पर हमला करते हुए सिन्हा ने कहा, "कांग्रेस संकट के दौर से गुजर रही है और मुझे लगता है कि यह उनके घावों पर नमक डालने का उचित समय नहीं है। मैं और भ्रम और विरोधाभास पैदा नहीं करना चाहता। कभी-कभी सही दिशा में जाने के लिए आपको एक नई दिशा लेनी पड़ती है।"
76 साल के शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा को हराने के लिए ममता बनर्जी की अगुवाई में विपक्ष को एक मोर्चा बनाने आह्वान करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि ममता बनर्जी इस तरह के मोर्चे का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं।"
मालूम हो कि आसनसोल लोकसभा के उपचुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा का मुकाबला भाजपा के अग्निमित्र पॉल से है, जहां 12 अप्रैल को मतदान होना है और वोटों की गिनती 16 अप्रैल को होगी।
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