चुनाव में लगे वाहनों की तलाशी लेने वाले सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई आरोपों में मुकदमा दर्ज

प्रतीकात्मक चित्र


बस्ती। जिले में विधानसभा चुनाव मतगणना स्थल के अंदर जाने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के वाहनों की तलाशी लेने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यकर्ताओं के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने मंगलवार को बताया कि नौ मार्च को सपा नेताओं ने मतगणना स्थल पर जा रहे अधिकारियों की गलत तरीके से तलाशी ली थी। इस दौरान चुनाव पर्यवेक्षक के साथ-साथ उप जिलाधिकारी की गाड़ी की भी तलाशी ली गयी थी। इन मामलों में कुल सात शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिनके आधार पर हत्या के प्रयास और सरकारी काम में बाधा डालने समेत कई आरोपों में करीब 100 अज्ञात सपा कार्यकर्ताओं पर पुरानी बस्ती थाने में रविवार को सात मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 

गौरतलब है कि मतगणना से एक दिन पहले नौ मार्च को बड़ी संख्या में सपा नेता और कार्यकर्ता मंडी समिति परिसर के बाहर एकत्र थे और गेट पर तलाशी लिये बगैर किसी को मतगणना स्थल तक नहीं जाने दे रहे थे। सपा नेताओं को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) बदले जाने का संदेह था। इसी दौरान उन्होंने चुनाव पर्यवेक्षक और उप जिलाधिकारी की गाड़ियों की भी तलाशी ली थी। 

कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज होने के बाद बस्ती सदर सीट से सपा विधायक महेंद्र यादव ने इसे उत्पीड़न की कार्रवाई करार दिया है। उन्होंने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को सौंपे गये ज्ञापन में आरोप लगाया है कि पुलिस सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के घर पर रात में छापे मार रही है और महिलाओं को प्रताड़ित कर रही है। यादव ने कहा कि निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोई भी गाड़ी स्ट्रांग रूम के 100 मीटर की परिधि के अंदर नहीं जा सकती है, इसलिए सपा के नेता और कार्यकर्ताओं ने स्ट्रांग रूम तक जाने वाली गाड़ियों की जांच करने का अनुरोध किया था, ताकि मतगणना में पारदर्शिता रहे।

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