कोलकाता/रामपुरहाट। बीरभूम हिंसा को लेकर राजनीतिक हमले शनिवार को भी जारी रही। दरअसल, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि विपक्षी नेता शवों पर तुच्छ मानसिकता वाली राजनीति कर रहे हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी नीत पार्टी पर हमलावरों को बचाने की कोशिश कर रहने का आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रही है, जबकि प्रशासन बोगतुई गांव में हुई हिंसा की घटना में मारे गये आठ लोगों के परिजनों को न्याय दिलाने में जुटा हुआ है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को अपने हाथ में लेने का शुक्रवार को आदेश दिया था। साथ ही, एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट भी मांगी है।
घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, सीबीआई को हमारी सरकार हर जरूरी मदद करेगी। हम इस नृशंस घटना में संलिप्त लोगों को न्याय के दायरे में लाना चाहते हैं। ’’
घोष ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों से बात की है। एक एसआईटी गठित की गई है और कार्रवाई की जा रही है। यह सरकार के नेक इरादे को दर्शता है। हालांकि, विपक्ष शवों पर तुच्छ मानसिकता वाली राजनीति करने में लगी हुई है। भाजपा हर घटना की सीबीआई जांच चाहती है। ’’
हत्या की घटना के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए शनिवार को रामपुरहाट कस्बे में दो दिनों का धरना शुरू करने वाली भाजपा ने आरोप लगाया कि तृणमूल के कई बड़े नेता इस घटना में संलिप्त हैं।
विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यदि तृणमूल के कई नेताओं के फोन कॉल की सूची खंगाली जाए तो सच्चाई स्वयं सामने आ जाएगी।
बोगतुई का ममता द्वारा हेलीकॉप्टर से दौरा किये जाने पर भाजपा ने तंज करते हुए कहा, ‘‘उनका जमीन से संपर्क खत्म हो गया है।’’
إرسال تعليق