सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बेहतर है आप जेल में ही रहें, खारिज की नकली प्लाज्मा बनाने वाले आरोपी की जमानत याचिका


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 रोगियों के लिए नकली प्लाज्मा बनाने वाले आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। एक मरीज की मौत के बाद यह मामला सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमणा ने कहा कि पहले से ही लोग कोविड-19 से मर रहे हैं और आप ऐसा कर रहे हैं। अगर हम इस तरह किसी को जमानत देते हैं तो यह गलत होगा। जब तक कोविड है तब तक बेहतर है कि आप जेल में ही रहें, आप कोविड के लिए नकली प्लाज्मा बना रहे हैं। पहले से ही कोविड है और आप चाहते हैं कि कुछ और लोग मरें। वहीं एक अन्य मामले की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट ने ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम-केयर्स कोष) के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से इसका ऑडिट कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया।

जस्टिस एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इलाहाबाद हाई कोर्ट जाएं और मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करें। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने रिट याचिका में उठाए गए सभी मुद्दों पर विचार नहीं किया। पीठ ने कहा कि आपकी यह बात सही हो सकती है कि सभी मुद्दों पर विचार नहीं किया गया। हमें नहीं पता कि आपने क्या तर्क दिया था। आप जाएं और पुनर्विचार याचिका दायर करें। अदालत की इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली। अधिवक्ता दिव्या पाल सिंह की इस अपील में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 31 अगस्त, 2020 के फैसले को चुनौती दी गई थी।

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