विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद पांच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों पर कार्रवाई



नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के हालिया विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों से इस्तीफा देने को कहा है। 

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस निर्देश के कुछ देर बाद ही उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक ट्विट के जरिए अपने त्यागपत्र की घोषणा की। इसके बाद गोवा कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर का इस्तीफा हुआ और रात होते होते उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का भी इस्तीफा हो गया। 

इसके पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विट किया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा है ताकि प्रदेश कांग्रेस समितियों का पुनर्गठन किया जा सके।’’ 

दो दिन पहले रविवार को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा था कि वह संगठनात्मक चुनाव पूरा होने तक पद पर बने रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।

कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश के कुछ देर बाद ने अपना इस्तीफा ट्विट करते हुए कहा, ‘‘प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए आज मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मैं परिणाम के दिन ही इस्तीफा देना चाहता था पर हाईकमान के आदेश की प्रतीक्षा पर रुका था।’’ 

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 70 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ 19 सीट मिलीं हैं, जबकि विरोधी भाजपा ने 47 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और चुनाव अभियान समिति के प्रमुख हरीश रावत के साथ गोदियाल खुद भी अपना चुनाव हार गए। दोनों मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे थे। यही स्थिति पंजाब में हुई, जहां कांग्रेस को आम आदमी पार्टी से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी और उसे सिर्फ 18 सीटें मिलीं। कांग्रेस के हाथ से सत्ता तो गई ही, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी दोनों सीटों के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू खुद भी अमृतसर पूर्व से चुनाव हार गए। उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा के पूरी ताकत झोंकने के बावजूद कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर सिमट गई। पार्टी को गोवा में 11 और मणिपुर में सिर्फ पांच सीटों से संतोष करना पड़ा।

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