लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अक्सर 'भाजपा की बी टीम' होने का आरोप झेलने वाली ओवैसी की पार्टी के 95 में से 94 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। हालांकि, कई सीटों सपा की हार और भाजपा की जीत के लिए ओवैसी की पार्टी को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है। इन सीटों पर बेहद कम अंतर से भाजपा प्रत्याशियों को जीत मिली है। आंकड़ों पर गौर करें तो कम से कम 8 सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने सपा की साइकिल पर ब्रेक लगा दिया।
एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की 95 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन एक पर भी जीत नहीं मिली। आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट को छोड़कर दें तो 94 सीटों पर प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। एआईएमआईएम को 4.51 लाख वोट मिले जो वोट प्रतिशत के हिसाब से 0.49 फीसदी थे। ओवैसी ने यूपी में ताबड़तोड़ रैलियां की तो इस दौरान उनके काफिले पर गोली भी चल गई।
मुरादाबाद नगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी रितेश कुमार गुप्ता ने समाजवादी पार्टी के मोहम्मद युसूफ अंसारी को 782 वोट से हराया। यहां एआईएमआईएम उम्मीदवार वाकी रशदी को 2661 वोट मिले। बाराबंकी की कुर्सी सीट पर भाजपा उम्मीदवार सकेंद्र प्रताप को 217 वोटों से जीत मिली, जबकि यहां एआईएमआईएम के कुमैल अशरफ खान को 8541 वोट मिले।
चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार से इस्तीफा देकर सपा में शामिल हुए धर्म सिंह सैनी को भी सहारनपुर की नकुड़ सीट पर करीबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। यहां भाजपा के मुकेश चौधरी ने 315 मतों के अंतर से हराया। एआईएमआईएम प्रत्याशी को इस सीट पर 3,593 वोट मिले। जौनपुर की शाहगंज सीट पर सपा के शैलेंद्र यादव 719 वोट से हार गए, यहां एआईएमआईएम उम्मीदवार नायब अहमद खान को 8128 वोट मिले।
बिजनौर सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुची ने रालोद के नीरज चौधरी को 1,445 वोट से हराया। यहां ओवैसी के प्रत्याशी मुनीर अहमद को 2,290 वोट मिले। सुल्तानपुर की इसौली सीट पर एआईएमआईएम को 3308 वोट मिले। जबकि जीत का अंतर सिर्फ 269 वोट का था। सुल्तानपुर सदर सीट पर भाजपा प्रत्याशी ने सपा उम्मीदवार अनूप सांडा को 1009 वोट से हराया। यहां एआईएमआईएम के मिर्जा अकरम बेग को 5,251 वोट मिले। भदोही की औराई सीट पर भाजपा 1,647 वोटों से जीती, यहां एआईएमआईएम के तेधाई को 2,190 वोट मिले।
कई सीटों पर बेहद कम अंतर से हारी सपा
भाजपा गठबंधन ने जहां 273 सीटों पर जीत हासिल की है तो सपा गठबंधन को 125 सीटों से संतोष करना पड़ा। 10 सीट ऐसी हैं जहां सपा की हार जीत का अंतर 200 से 1000 के बीच था। 17 सीटें ऐसी थीं जहां हार का अंतर 1 हजार से 5 हजार के बीच था। 33 सीटें ऐसी थीं जहां हार का अंतर 5 हजार से 10 हजार के बीच था।
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