सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर कातिलाना हमला, उनकी बेटी भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य मौके पर मौजूद


कुशीनगर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर कातिलाना हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि हमले की जानकारी मिलने के बाद मौक पर स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य भी मौके पर पहुंच गई हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मंगलवार को फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र में सपा और भाजपा कार्यकर्ता प्रचार के दौरान आमने-सामने आ गये और थोड़े ही देर में दोनों तरफ के कार्यकर्ता लाठी-डंडे लेकर एक दूसरे पर बरस पड़े।

जानकारी के मुताबिक स्वामी प्रसाद के समर्थकों ने हमले के लिए बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा को दोषी ठहराया है। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपाईयों को हमला करने के लिए उकसाया। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और स्टार प्रचारक स्वामी प्रसाद मौर्य  कुशीनगर की फाजिलनगर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं। 

हमले के बाद कुशीनगर के बड़े पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं और मामले की जांच कर रहे हैं। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक इस हमले से खासे नाराज हैं और इसके लिए भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा के साथ जिला प्रशासन को भी दोषी ठहरा रहे हैं।

जिले के आला अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ स्थिति को संभालने में जुटे हुए हैं और दोनों पक्षों से शिकायत के आवेदन ले रहे हैं।अधिकारियों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और हिंसा के दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

भाजपा समर्थक सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा पर आरोप लग रहा था कि वो अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए चुनाव में चोरी-छुपे प्रचार कर रही हैं। भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या रविवार की रात फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र के जौरा-मगुलही गांव में कथित तौर पर पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए वोट मांग रही थीं। 

योगी सरकार में श्रम और रोज़गार मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से तीन बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। दो बार वह बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर और साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पडरौना विधानसभा सीट से विजयी हुए थे।

भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने के बाद माना जा रहा था कि स्वामी समाजवादी पार्टी के टिकट पर पडरौना से ही विधानसभा चुनाव उम्मीदवार होंगे लेकिन आखिरी वक्त में उनकी सीट बदल दी गयी।

माना जा रहा है कि दिग्गज कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने और पडरौना से चुनावी मैदान में उतरने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वामी की सीट बदल दी और उन्हें फाजिलनगर से उम्मीदवार बनाया।

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