लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव नेता विरोधी दल की भूमिका निभाएंगे। विधानसभा सचिवालय ने यादव को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता प्रदान करते हुए अधिसूचना जारी कर दी।
समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल का नेता चुना गया। इसके कुछ ही घंटों बाद विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने यहां जारी एक बयान में कहा कि विधानसभा सदस्य एवं सपा विधानमंडल दल के नेता अखिलेश यादव को 26 मार्च से उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में अभिज्ञात किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 18वीं विधानसभा के निर्वाचन की प्रक्रिया सात चरणों में पूरी हुई और 10 मार्च को परिणाम आया। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने राज्य विधानसभा की 403 सीटों में सहयोगी दलों समेत कुल 273 सीटें प्राप्त की, जबकि समाजवादी पार्टी ने अपने सहयोगियों के साथ 125 सीटों पर जीत दर्ज की।
अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को हराकर निर्वाचित हुए हैं। करहल से विधानसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद यादव ने गत दिनों संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। यादव आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र से 2019 में निर्वाचित हुए थे।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में यादव राज्य के मुद्दों को प्राथमिकता से उठाएंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं के निशाने पर रहे अखिलेश यादव विधानसभा में राज्य के मुद्दों को लेकर सरकार की घेराबंदी करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछली (17वीं) विधानसभा में भी समाजवादी पार्टी मुख्य विपक्षी दल के रूप में थी और बलिया जिले की बांसडीह सीट से निर्वाचित राम गोविंद चौधरी नेता विरोधी दल थे, लेकिन इस बार चौधरी चुनाव में पराजित हो गये।
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