हादसा : भीषण आग से जलकर 38 गाय-बछड़ों की मौत, 60 झुग्गी-झोपड़ियां राख, धमाके के साथ फटे सिलेंडर


नई दिल्ली। इंदिरापुरम के नजदीक कनावनी गांव में भीषण आग ने खूब कहर बरपाया। भरी दोपहरी में आग की चपेट में आने से 50-60 झुग्गी-झोपड़ियां जलकर राख हो गईं। इसके अलावा श्रीकृष्ण गौशाला में 38 गाय एवं बछड़ों की दर्दनाक मौत हो गई। 

झुग्गी बस्ती और गौशाला में कोहराम
जंजीर व रस्सियों से बंधे होने पर करंट, आग एवं धुएं में घिरने पर इन गोवंश को भागने का मौका नहीं मिल पाया। सभी गोवंश ने तड़प-तड़प कर घटनास्थल पर दम तोड़ दिया। आग पर काबू पाने को दमकल की 12 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। लगभग एक से डेढ़ घंटे के भीतर स्थिति को संभाला जा सका। 
 
डेढ़ घंटे तक रहा दहशत का मंजर
हादसे की सूचना पाकर डीएम और कार्यवाहक एसएसपी ने आनन-फानन में मौके पर जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। गाजियाबाद के इंदिरापुरम थानांतर्गत ग्राम कनावनी में खाली पड़ी भूमि पर काफी संख्या में झुग्गी-झोपड़ियां थीं। जहां कई परिवार रह रहे थे। झुग्गी बस्ती में जगह-जगह कबाड़ भी एकत्र कर रखा गया था। 

इंदिरापुरम के कनावनी में हादसा
पुलिस के मुताबिक सोमवार की दोपहर करीब सवा बजे किसी झोपड़ी में आग लगने से हड़कंप मच गया। प्रचंड गर्मी और तेज हवा चलने की वजह से आग ने जरा सी देर में अगल-बगल की झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया। कुछ झुग्गियों में रखे मिनी गैस सिलेंडर धमाके के साथ फटने लगे। घटना की सूचना दमकल विभाग को दी गई। 

दमकल की 12 गाड़ियां बुलानी पड़ीं
दमकल विभाग की 12 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। झुग्गी बस्ती से कुछ दूरी पर श्रीकृष्ण गौशाला है। धमाके के साथ फटे कुछ सिलेंडर उड़कर गौशाला परिसर में पहुंच गए। जहां बिजली के तारों का जाल फैला था। वहां भी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। गौशाला में 120-125 गाय एवं बछड़े थे। 

डेढ़ घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
दमकल विभाग ने करीब एक से डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया, मगर तब तक 50-60 झुग्गियां जलकर राख होने के अलावा 38 गोवंश की मौत हो चुकी थी। जनहानि होने की कोई खबर नहीं है। हादसे की सूचना पाकर डीएम राकेश कुमार सिंह, एसएसपी मुनिराज जी आदि पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।

नागरिकों ने भाग कर बचाई जान
झुग्गी-झोपड़ियों में आग लगने पर कोहराम मच गया। वहां मौजूद नागरिकों ने जान बचाने के लिए बदहवास होकर भागना शुरू कर दिया। एक के बाद एक सिलेंडर फटने से दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया। प्रचंड आग को देखकर नागरिकों को कैश, कपड़े और जेवरात तक बचाने का मौका नहीं मिल पाया। घरेलू सामान पूरी तरह नष्ट हो गया।

बंधे होने से भाग नहीं पाए गोवंश
श्रीकृष्ण गौशाला में कुछ गाय और बछड़े जंजीर एवं नायलोन की रस्सी से बंधे थे। जिन्हें आग लगने पर भागने का मौका नहीं मिल पाया। हालांकि आस-पास के कुछ नागरिकों ने हिम्मत दिखाकर कुछ गोवंश को बंधनमुक्त कराकर उनकी जान बचा ली। श्रीकृष्ण गौशाला ट्रस्ट के जरिए गौशाला चलाई जा रही थी। इसके संचालक सूरज कुमार हैं।

विभिन्न बिंदुओं पर विवेचना शुरू
सीएफओ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि दमकल विभाग को दोपहर 1:17 बजे घटना की सूचना मिली थी। मौके पर 12 गाड़ियों को भेजा गया। 60 से 90 मिनट तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। आशंका है कि किसी झोपड़ी में शॉर्ट सर्किट होने या सिलेंडर में आग लगने से यह घटना घटी है। विभिन्न बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच चल रही है।

प्रभावित परिवारों को मिलेगी मदद
उप-जिलाधिकारी (सदर) विनय कुमार सिंह का कहना है कि आगजनी से प्रभावित परिवारों एवं गौशाला ट्रस्ट की नियमानुसार आर्थिक मदद की जाएगी। डीएम के आदेश पर प्रशासनिक टीम घटना की जांच-पड़ताल कर रही है। जांच रिपोर्ट तैयार कर डीएम को सौंपी जाएगी। 

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