फाइल फोटो |
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर मार्च माह में हुए प्रदर्शन और तोड़फोड़ से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किए गए आठ लोगों को जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि आरोपी 14 दिन से हिरासत में हैं और अभी तक एकत्रित किए गए दस्तावेज ऐसी प्रकृति के हैं, जिनसे वे छेड़छाड़ नहीं कर सकते।
न्यायमूर्ति आशा मेनन ने मंगलवार को दिए आदेश में कहा, ‘तस्वीरों में जिन अन्य लोगों की पहचान की गयी है, उन्हें आपराधिक दंड संहिता की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किए गए हैं और वे जांच में सहयोग भी कर रहे हैं। अत: जेल में आवेदकों (आरोपियों) को महज इसलिए नहीं रखा जा सकता कि कुछ जांचकर्ता अब भी तफ्तीश कर रहे हैं।'
इस मामले में गिरफ्तार आठ आरोपियों ने राहत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थी। इन्हें 31 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि 30 मार्च को भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने ‘द कश्मीर फाइल्स' फिल्म पर केजरीवाल की विवादित टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री का आवास 6, फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित है। प्रदर्शन 30 मार्च को सुबह साढ़े 11 बजे के करीब शुरू हुआ। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि पर्याप्त बंदोबस्त किया गया है लेकिन करीब 15-20 प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गए। पुलिस ने कहा कि उन्हें तत्काल खदेड़ दिया था। पुलिस ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारी दोपहर करीब एक बजे दो अवरोधकों को हटाकर मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गए जहां उन्होंने संपत्ति में तोड़फोड़ की और नारेबाजी की।
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