राज्यसभा : ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित


नई दिल्ली। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा में विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। इसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। 

दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, पीठासीन उपसभापति सस्मित पात्रा ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देने के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का नाम पुकारा। इसी बीच, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रयान ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि कई सदस्यों ने अलग-अलग मुद्दों पर नोटिस दिए हैं। 

उन्होंने कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने महंगाई के मुद्दे पर नोटिस दिया है जबकि कुछ अन्य सदस्यों ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर नोटिस दिए हैं। 

उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसे नियम 138 के तहत सदन में पेश किया जाना चाहिए। ब्रायन ने कहा कि सरकार महंगाई, पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की कीमतों पर चर्चा नहीं करना चाहती है। 

उन्होंने कहा कि कम से कम महिला आरक्षण संबंधी प्रस्ताव पर सरकार चर्चा करे। इसका जवाब देते हुए यादव ने कहा कि नियम 138 एक याचिका है और इसका सदन की कार्यवाही से कोई लेनादेना नहीं है। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। इस दौरान कुछ सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। पात्रा ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर लौट जाने का बार-बार अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जब तक सदन में व्यवस्था नहीं बनेगी, तब तक वह व्यवस्था का कोई प्रश्न स्वीकार नहीं कर सकते। 

द्रमुक के तिरुची शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में हो रही वृद्धि पर सदन में चर्चा हो लेकिन उस नोटिस को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। इस पर पात्रा ने कहा कि चूंकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनके नोटिस को अस्वीकार कर दिया है, लिहाजा उस बारे में चर्चा करने का कोई मतलब ही नहीं बनता। 

हंगामे के बीच ही श्रम एवं रोजगार मंत्री यादव ने मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देना आरंभ किया। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा तेज कर दिया। इसी बीच, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा भी अपने स्थान पर खड़े हो गए। वह कुछ बोलना चाह रहे थे लेकिन हंगामे के कारण वह अपनी बात नहीं रख सके। पात्रा ने हंगामा कर सदस्यों से अनुरोध किया कि पूर्व प्रधानमंत्री कुछ बोलना चाहते हैं इसलिए उन्हें बोलने का अवसर दिया जाना चाहिए। यादव ने भी हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से आग्रह किया कि वे देवगौड़ा को बोलने दें। लेकिन विपक्षी सदस्यों ने उनकी एक ना सुनी। हंगामा थमता नहीं देख, पात्रा ने करीब 02:10 बजे सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। 

इससे पहले एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे भी उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर विपक्षी दलों ने हंगामा किया। विपक्षी सदस्य पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि को ले कर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने की भी मांग कर रहे थे। 

पात्रा ने सदस्यों से अपनी सीट पर जाने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल एक महत्वपूर्ण समय है और सदस्य एक बहुत ही अहम सवाल पूछ रहे हैं। उन्होंने सदस्यों से आसन के समीप नहीं आने की भी अपील की। पात्रा ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि यह उचित तरीका नहीं है और उन्हें सदन में प्रश्नकाल चलने देना चाहिए। हंगामे के बीच ही पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पूरक सवालों का जवाब देने का प्रयास किया। हालांकि सदन में हो हे शोर के कारण उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी।

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