पूर्णिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर उठे विवाद को शनिवार को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करती है। मुख्यमंत्री कुमार उत्तर बिहार के पूर्णिया जिले में एक समारोह में आए थे।
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘यह सब फालतू की बातें हैं। सभी जानते हैं कि बिहार में हम किसी भी प्रकार की धार्मिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। निश्चित रूप से कुछ लोग सोचते हैं कि उनका काम मुद्दे उठाना है और वे इसे करते रहते हैं।’’
गौरतलब है कि कुमार की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है, जब बिहार भाजपा मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग कर रही है।
यहां तक कि प्रदेश भाजपा के कई बड़े नेता राज्य में 'योगी मॉडल' लागू करने तक की बात कह चुके हैं, जिसके तहत उच्च डेसीबल ध्वनियों से उत्पन्न स्वास्थ्य खतरों का हवाला देते हुए स्पीकरों को धार्मिक स्थलों से हटा दिया गया है।
नीतीश कुमार के इस बयान को उनके कैबिनेट सहयोगी जनक राम जैसे भाजपा नेताओं के लिए एक अप्रत्यक्ष झटके के तौर देखा जा सकता है, जिन्होंने शुक्रवार को कहा था कि ‘‘देश के सबसे बड़े राज्य (उत्तर प्रदेश) में की गई कार्रवाई का बिहार में असर होना तय है।’’
नीतीश कुमार एक समाजवादी नेता हैं और उन्होंने 1990 के दशक से ही भाजपा पार्टी के साथ अपने गठबंधन के बावजूद अपना एक अलग वैचारिक रुख बनाए रखने की कोशिश की है।
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