विधान परिषद चुनाव : वाराणसी में भाजपा को करारा झटका, निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह विजयी!


लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 27 सीटों के द्विवार्षिक चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब तक कई सीटें जीत चुकी है और ज्यादातर सीटों पर उसके प्रत्याशी निर्णायक बढ़त बनाये हुए हैं। वहीं, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) का सूपड़ा साफ होता दिख रहा है। हालांकि, भाजपा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में करारा झटका लगा है जहां निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह ने जीत हासिल कर ली। यहां भाजपा तीसरे स्थान पर रही। 

वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी सीट से पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह की पत्नी निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह ने 4234 मत पाकर चुनाव जीत लिया है। उन्होंने अपने निकटतक प्रतिद्वंद्वी सपा के उमेश यादव को 3889 मतों से हराया। भाजपा प्रत्याशी सुदामा पटेल 170 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इसके अलावा 127 मतपत्र रद्द हुए हैं। वहीं बलिया सीट से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र रविशंकर सिंह पप्पू ने जीत हासिल की है। उन्हें 2259 तथा सपा प्रत्याशी अरविंद गिरि को 278 मत प्राप्त हुए। पप्पू ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की है। वह विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त सपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

विधान परिषद की 36 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में 9 सीटों पर भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। बाकी 27 सीटों के लिए पिछले शनिवार को मतदान हुआ था। 

निर्वाचन आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि 27 सीटों के लिए मतगणना का कार्य सुबह 8 बजे शुरू हुआ, जिसमें भाजपा ने शुरू से ही बढ़त बना ली। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से जीती भाजपा का अब विधान परिषद में भी बहुमत होना तय हो गया है। भाजपा अब तक बस्ती, बाराबंकी, बलिया, फैजाबाद-अम्बेडकर नगर, गोंडा और सीतापुर की सीटें जीत चुकी है।

राज्य की 100 सदस्यीय विधान परिषद में इस समय भाजपा के 34, जबकि सपा के 17, बसपा के चार और कांग्रेस, अपना दल व निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। वहीं, शिक्षक दल के दो, जबकि निर्दलीय समूह का एक और एक निर्दलीय सदस्य भी विधान परिषद में मौजूद है। राज्य विधान परिषद की 36 सीटें सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं। वहीं, सदन की 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है।

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