जलवायु परिवर्तन से कम हो रहे हैं कीट पतंगे

कम रसायन और फसलों की विविधता से कम किए जा सकते हैं खतरे



लंदन। पृथ्वी दिवस यानी अर्थ डे पर जन-जीवन से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चाएं हुईं। ऐसा ही एक मुद्दा है जलवायु परिवर्तन। बताया गया कि इस परिवर्तन और आवास के नुकसान के दोहरे खतरों के कारण दुनिया को कीट प्रजातियों को विनाशकारी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। 

यूसीएल के सेंटर फॉर बायोडायवर्सिटी एंड एनवायरनमेंट रिसर्च ने दुनिया भर में कीटों की गिरावट का सबसे बड़ा आकलन किया है। लगभग 6,000 स्थानों से लिए गए दस लाख नमूनों में से तीन-चौथाई का आकलन किया गया। 

विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रकाशित नए अध्ययन में पाया गया है कि जलवायु परिवर्तन के अधिक प्रभाव वाले स्थानों पर खेत खलिहानों में पाए जाने वाले सामान्य कीटों की संख्या औसतन आधी रह गई है, और यहां कीटों के प्राकृतिक आवास के क्षेत्रों की तुलना में 25 प्रतिशत कम कीट प्रजातियां हैं। 

खेतों में कम रसायनों का उपयोग करके, फसलों की अधिक विविधता रखने और कुछ प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करके कीड़ों पर निवास स्थान के नुकसान और जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

Post a Comment

और नया पुराने