भोपाल। खरगोन शहर में रामनवमी के जुलूस में पथराव और आगजनी की घटना को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। चौहान ने कहा कि रामनवमी के दिन खरगोन में हुई हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है और चिह्नित किए गए दंगाइयों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
सीएम ने कहा कि "कार्रवाई का मतलब केवल जेल भेजना नहीं है। खरगोन के दंगाइयों को दंडित तो किया ही जाएगा साथ ही नुकसान की वसूली भी उनसे की जाएगी।"
गौरतलब है कि हिंसा के बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 77 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि खरगोन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिद्धार्थ चौधरी को हिंसा में गोली लगी और उनके अलावा छह पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 24 लोग घायल हो गए। रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव और कुछ घरों तथा वाहनों में आगजनी की घटनाओं के बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
रिपोर्ट के मुताबिक, रामनवमी के जुलूस के दौरान इसी तरह की पथराव की घटना बड़वानी जिले के सेंधवा कस्बे में सामने आई, जिसमें एक थाना प्रभारी और पांच अन्य घायल हो गए। अधिकारियों के मुताबिक घटना के बाद स्थिति पर काबू पा लिया गया। खरगोन के जिलाधिकारी अनुग्रह पी के कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार रविवार शाम की घटना के बाद से पूरे खरगोन शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
रविवार को जब रामनवमी का जुलूस खरगोन में तालाब चौक इलाके से शुरू हुआ तो जुलूस पर पथराव किया गया। पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। खरगोन के अतिरिक्त जिलाधिकारी सुमेर सिंह मुजाल्दे ने कहा कि जुलूस को शहर का चक्कर लगाना था लेकिन हिंसा के बाद इसे बीच में ही रोक दिया गया। जिलाधिकारी के अनुसार स्थिति अब नियंत्रण में है और नागरिकों को केवल चिकित्सा आपात स्थिति में ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी गई है।
जिलाधिकारी ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर खरगोन की घटना के आपत्तिजनक संदेश और वीडियो साझा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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