हथियारों के मामले में आत्मनिर्भरता के प्रयासों को तेज किये जाने की जरूरत : राजनाथ


नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण रूस से रक्षा उत्पादों तथा कलपुर्जों के आयात को लेकर उपजी आशंकाओं के बीच कहा है कि महत्वपूर्ण हथियारों और उपकरणों की उपयोगिता प्रभावित हुई है और इससे निपटने के लिए आत्मनिर्भरता के प्रयासों को तेज किये जाने की जरूरत है।

श्री सिंह ने हैदराबाद में वायु सेना के प्रमुख हेलिकॉप्टर रहे चेतक के हीरक जयंती सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “बाहरी परिस्थितियों ने महत्वपूर्ण हथियारों, और उपकरणों की उपयोगिता पर प्रभाव डाला है। इसलिए आत्मनिर्भरता के हमारे प्रयासों में लगातार बढ़ोतरी आज की सबसे बड़ी जरूरत है।”

उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश की रक्षा का भार लंबे समय तक दूसरे देशों के कंधों पर नहीं रह सकता है, हमें अपनी रक्षा के लिए अपने खुद के कंधे मज़बूत करने ही होंगे।

उन्होंने कहा, “आज भारत ने 5 टन श्रेणी में हेलिकॉप्टर के डिजायन, विकास और ऑपरेशन में अपनी ताकत दिखाई है। स्वदेशी डिजायन और विकसित उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर ध्रुव और इसके संस्करण इस श्रेणी के हेलिकॉप्टरों में भारत की ताकत का उदाहरण हैं।”

श्री सिंह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर नेतृत्व के लिए भारत को अपने दस टन के बहुउपयोगी हेलिकॉप्टर के डिजायन में प्रगति करने की आवश्यकता है। इसमें एक ओर तो बड़े बाजार की संभावना है तो दूसरी ओर देश की सेनाओं के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण जरूरत है।

रक्षा मंत्री ने चेतक हेलिकॉप्टर की तुलना महाराणा प्रताप के वफादार घोड़े चेतक से करते हुए कहा, “महाराणा प्रताप के वफादार, और भरोसेमंद घोड़े की तरह ही, चेतक हेलिकॉप्टरों ने भी दशकों तक युद्ध और शांति में हमारे देश की सेवा की है। युद्ध के मैदान में इसने दुश्मनों को, अपनी अचूक फायरिंग का निशाना बनाया है।”

उन्होंने कहा कि सरकार के लिए राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोच्च और वह इसके लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “मैं इस मंच से सभी कर्मवीरों को नमन करता हूँ, और देशवासियों को आश्वस्त करता हूँ कि राष्ट्र की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसे सुनिश्चित करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”

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