अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजिथ टी.एच. ने 12 मई को दो भाइयों -नुरुद्दीन और हमसा- की हत्या के मामले में 25 आरोपियों को दोषी ठहराया था। दोनों भाई एपी सुन्नी पार्टी के सदस्य थे जो वाम मोर्चा की समर्थक है। विशेष लोक अभियोजक कृष्णन नारायणन ने सोमवार को दोषियों को सजा सुनाए जाने की पुष्टि की। अदालत ने प्रत्येक दोषी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के साथ ही धारा 149 (गैरकानूनी तौर पर एकत्र होने वाला प्रत्येक सदस्य समान उद्देश्य के साथ किए गए अपराध का दोषी) के तहत सजा सुनाई।
नारायणन ने कहा कि पीड़ित के भाई पर हमले के लिए भी सभी आरोपियों को धारा 307 (हत्या का प्रयास) के अंतर्गत भी दोषी ठहराया गया। तीन भाइयों पर हुए हमले में केवल कुंजु मोहम्मद जिंदा बच सका और वह इस मामले का प्रमुख गवाह रहा। नारायणन ने बताया कि एक मस्जिद के चंदे को लेकर हुए दोनों पक्षों में हुई कहासुनी के बाद हमला किया गया था।
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