नई दिल्ली। देश में जातिगत जनगणना की मांग उठ रही है। बिहार समेत कई राज्यों से पहले ही मांग उठती रही है, लेकिन अब तक केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। इस मुद्दे को लेकर बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्पलॉयीज फेडरेशन (बामसेफ) ने 25 मई को भारत बंद बुलाया है। ओबीसी जातियों की गणना न कराने के खिलाफ यह आंदोलन बुलाया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए जाति आधारित जनगणना नहीं कराने के विरोध में महासंघ कार्रवाई की मांग कर रहा है। इसके अलावा, वे चुनाव के दौरान ईवीएम का इस्तेमाल न करने और निजी क्षेत्रों में एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण के मुद्दे की मांग कर रहे हैं।
भारत बंद को बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक वामन मेश्राम, राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा और इससे जुड़े सभी संगठनों का समर्थन मिला है। ट्विटर पर भी '#कल_भारत_बंद_रहेगा' ट्रेंड कर रहा है।
बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा, 'हमारे भारत बंद आंदोलन को राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन मुक्ति मोर्चा और कई अन्य संगठनों ने समर्थन दिया है।' उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारे बंद को लेकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। खासतौर पर ओबीसी समुदाय के लोगों को बरगलाया जा रहा है ताकि वे आंदोलन से न जुड़ सकें।
बामसेफ की प्रमुख मांगें-
- चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं
- जाति आधारित जनगणना
- निजी क्षेत्र में एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण।
- किसानों को एमएसपी की गारंटी
- एनआरसी/सीएए/एनपीआर का कोई कार्यान्वयन नहीं।
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली।
- ओडिशा और मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण में पृथक निर्वाचक मंडल।
- पर्यावरण संरक्षण की आड़ में आदिवासी लोगों का विस्थापन नहीं।
- टीकाकरण को वैकल्पिक बनाना।
- कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों के खिलाफ गुप्त रूप से बनाए गए श्रम कानूनों के खिलाफ संरक्षण।
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