नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वकीलों की कोर्ट में पेश होकर केस पर बहस करने के लिए जोर दिया। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की वेकेशन बेंच ने कहा कि जब हर दिन जज अदालत में आ रहे हैं तो भला वकीलों को आने में क्या परेशानी है। बेहतर होगा कि वकील जज के सामने पेश होकर अपने केस पर बहस करें।
बेंच ने कहा, "हम हर दिन अदालत में आ रहे हैं तो आप भी आ सकते हैं और अपने मामलों पर बहस कर सकते हैं। अदालत में वकीलों के फिजिकल प्रेजेंटेशन से केस की बहस में सुविधा होगी और हमें इससे मदद मिलेगा।"
इससे पहले बेंच ने वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के उस मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें वो वर्चुअल तरीके से कोर्ट की सुनवाई चाहते थे।
रोहतगी के अपील पर टिप्पणी करते हुए बेंच ने कहा, "जब आप अदालत में नहीं हैं तो हम आपको यह सुविधा नहीं देने वाले हैं, अन्य वकील छुट्टियों के दौरान भी यहां आ रहे हैं।"
जिसके बाद मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि उनके केस को परसों के लिए स्थगित कर दिया जाए। वो कोर्ट के सामने खुद पेश होकर मामले पर बहस करेंगे।
बेंच ने रोहतगी की अपील पर सहमति जताते हुए कहा कि अगर वह व्यस्त हैं तो अपने सहयोगी को अदालत में पेश होने और मामले पर बहस करने के लिए कह सकते हैं।
मुकुल रोहतगी की तरह कोर्ट ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को भी अदालत के सामने पेश होकर केस पर बहस करने के लिए कहा और कहा कि अदालतों में छुट्टी वरिष्ठ वकीलों के लिए नहीं है, बल्कि उन्हें अपने जूनियर वकीलों को कोर्ट के सामने पेश होने के लिए कहना चाहिए।
जिसके जवाब में अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नियम सभी के लिए समान होना चाहिए और अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
जिस पर बेंच ने सिंघवी से कहा, "ठीक है, फिर आप कोर्ट कब आ रहे हैं।", जिस पर सिंघवी ने कहा वो मंगलवार को कोर्ट के सामने पेश होंगे। जिसके बाद कोर्ट ने इसके केस को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
मालूम हो कि इससे पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने भी कहा था कि कोर्ट सोमवार और शुक्रवार अपने दिनचर्या के हिसाब से काम करेगी ताकि देश के कोनों से आने वाले वकीलों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
इसके साथ ही उन्होंने कहा यह भी कहा था कि मंगलवार को हाइब्रिड हियरिंग डे होगा और बाकी बुधवार और गुरुवार को फिजिकल हियरिंग डे होगा।
एक टिप्पणी भेजें