लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को राज्य में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। सोमवार को सदन में प्रश्न काल के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य मनोज पारस ने प्रदेश में कोरोना काल में संक्रमण से अस्पतालों और अस्पतालों से बाहर हुई मृत्यु का विवरण सदन के पटल पर रखने को कहा।
स्वास्थ्य परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने जवाब दिया कि प्रदेश के सभी जिलों द्वारा राज्य स्तर से संचालित कोविन पोर्टल पर अपलोड किए गए आकड़ों के अनुसार कोविड-19 महामारी के प्रारम्भ से 13 मई, 2022 तक चिकित्सालयों में भर्ती, गृह पृथक-वास एवं पृथक-वास केन्द्रों में भर्ती कुल 23,512 रोगियों की मृत्यु हुई है। पाठक के इस जवाब से पारस संतुष्ट नहीं हुए।
इस बीच सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने अनुपूरक प्रश्न करते हुए जानना चाहा कि कोरोना से सरकार के कितने मंत्री, विधायक, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायकों की मौत हुई है। इसका जवाब न मिलने पर विरोध दर्ज कराते हुए सपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
हालांकि प्रश्नकाल की शुरुआत में ही सपा के ही रविदास मेहरोत्रा ने भी कोरोना से मरने वाले व्यक्तियों का आंकड़ा पूछा। मेहरोत्रा ने दावा किया कि 18 लाख 17 हजार लोगों की मौत कोरोना से उप्र में हुई है।
उन्होंने भी कोरोना से मरने वाले मंत्री और विधायकों की संख्या पूछी थी। पाठक ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर कोरोना या कोरोना महामारी के बाद 30 दिन के अंदर जिनकी मौत हुई उनके परिजनों को 50-50 हजार रुपये सरकार ने दिये। इसके लिए 41,871 प्रार्थना पत्र आए थे और उसमें 39,267 लोगों को भुगतान किया गया। बाकी लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि पोर्टल के अनुसार कुल 23,512 रोगियों की मृत्यु हुई है जबकि अनुदान राशि के अनुसार 39267 लोगों की मौत हुई है।
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