नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़ दी है और इस तरह से वह इस साल कांग्रेस छोड़ने वाले पांचवें बड़े नेता हैं।
श्री सिब्बल ने खुद कांग्रेस छोडने की जानकारी देते हुए बताया कि वह कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर के एक दिन बाद 16 मई को पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के लिए उत्तर प्रदेश से नामांकन कर दिया है।
श्री सिब्बल कांग्रेस के उन प्रमुख नेताओं में शामिल रहे हैं जो पार्टी में लगातार नेतृत्व परिवर्तन की मांग करते रहे हैं। पार्टी नेतृत्व में बदलाव की मांग करने वाले समूह 23 के वह प्रमुख नेता रहे हैं।
श्री सिब्बल लगातार पार्टी नेतृत्व को लेकर सवाल उठाते रहे हैं इसलिए काफी समय से उनके रिश्ते कांग्रेस आलाकमान के साथ अच्छे नहीं चल रहे थे और आखिर उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
कांग्रेस के उदयपुर में चल रहे चिंतन शिविर के बीच पार्टी के बड़े नेता तथा पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया और वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना करने के कारण पार्टी नेतृत्व ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उसके बाद से उनके कांग्रेस छोड़ने की अटकलें तेज हो गई थीं।
उदयपुर चिंतन शिविर के ठीक बाद में गुजरात कांग्रेस के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। हार्दिक ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उनसे मिलते तो वह मोबाइल फोन पर व्यस्त रहते और गुजरात जाते तो कांग्रेसी उनके लिए सेंडविच तैयार करने में ही लगे रहते।
फरवरी में पूर्व कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने कांग्रेस से अपना चार दशक पुराना नाता खत्म कर कांग्रेस को खरीखरी सुनाई और कहा कि निकट भविष्य में कांग्रेस को पतन की ओर जाते हुए देख रहे हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी से 30 साल पुराना रिश्ता तोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने कहा कि वह तीन दशक से ज्यादा समय से कांग्रेस की सेवा में रहे लेकिन कांग्रेस अब वो पार्टी नहीं रही जो पहले हुआ करती थी।
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