एनआईओएस संस्थानों से 10 किमी. के भीतर परीक्षा केंद्र तय करे : कोर्ट



नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) को निर्देश दिया है कि वह मान्यता प्राप्त संस्थानों से 10 किलोमीटर की दूरी के दायरे में परीक्षा केंद्र तय करे ताकि छात्र आसानी से परीक्षा में शामिल हो सकें। न्यायमूर्ति एस ए नजीर और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की अवकाश पीठ ने कहा कि मुक्त विद्यालयी शिक्षा का सहारा लेने वाले छात्रों की एक बड़ी संख्या हमेशा ग्रामीण क्षेत्रों से आती है।

अधिकांश छात्र समाज के गरीब तबके से
पीठ ने कहा कि इनमें से अधिकांश छात्र समाज के गरीब तबके से आते हैं, सरकारी परिवहन सेवाओं पर निर्भर हैं जिनका कोई भरोसा नहीं होता और पूरी संभावना है कि वे रोजी रोटी कमाने में लगे हैं। ऐसे छात्रों के लिए दुर्गम परीक्षा केंद्रों के नतीजों की कल्पना करना मुश्किल नहीं है। प्राथमिक, माध्यमिक या उच्चतर माध्यमिक परीक्षाओं में अनिवार्य रूप से एक समयावधि में कई प्रश्नपत्रों का उत्तर देना भी इसमें शामिल है।

छात्रों की पढ़ाई देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती 
पीठ ने कहा कि प्रत्येक परीक्षा के लिए लंबी दूरी की यात्रा करने में असमर्थता का परिणाम केवल छात्रों के पढ़ाई छोडऩे के तौर पर सामने आएगा जो आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। 

यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि नई शिक्षा नीति, 2020, अध्याय 6 में सामाजिक और शैक्षिक रूप से वंचित समूहों को स्कूल छोडऩे से रोकने के लिए दूरी की समस्या को कम करने में समूहों में स्कूल जाना, साइकिल आदि का प्रावधान लाभकारी प्रभाव पैदा कर सकता है।

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