बेलगावी। कर्नाटक सरकार ने बेलगावी जिले के मुदालगी शहर में एक नाले में 7 भ्रूण फेंकने के चौंकाने वाले मामले का खुलासा किया है। उन्होंने शनिवार को छापेमारी कर दो अस्पतालों को सील कर दिया है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) महेश कोनी और मुदलागी पुलिस के नेतृत्व में टीम ने वेंकटेश्वर मैटर्निटी अस्पताल और स्कैनिंग केंद्र और एक अन्य नवजीवन अस्पताल को सील कर दिया है।
जांच में पता चला है कि तीन साल पहले अस्पताल में भ्रूण का गर्भपात कराया गया था। सूत्र बताते हैं कि वेंकटेश्वर मैटरनिटी अस्पताल से जुड़ी डॉ. वीणा कनकारेड्डी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
उन्होंने अधिकारियों को बताया है कि भ्रूण को अस्पताल में बोतलों में सुरक्षित रखा गया था। अधिकारियों द्वारा छापेमारी के डर से उन्हें निपटान के लिए कर्मचारियों को सौंप दिया गया।
स्टाफ ने बोतलों में रखे भ्रूण को 23 जून की रात नाले में फेंक दिया था। घटना का खुलासा 24 जून को हुआ था। घटना के बाद अधिकारियों ने 6 अस्पतालों में छापेमारी की थी।
बोतलों में मिले 7 भ्रूणों को फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) भेज दिया गया है और रिपोर्ट का इंतजार है।
घटना के सामने आने के बाद जिस तरह से भ्रूण को ठिकाने लगाया गया, उससे लोग सहम गए हैं।
पुलिस के अनुसार, भ्रूणों को 5 बोतलों में भरकर बहते नाले में फेंक दिया गया। लोगों ने मुदल्गी बस स्टैंड के पास नाले में संदिग्ध रूप से तैर रहे बक्से को देखा तो पुलिस को सूचना दी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह प्रथम दृष्टया से लिंग पहचान और भ्रूण हत्या का मामला है।
सभी भ्रूण 5 महीने के हैं और स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। एफएसएल रिपोर्ट मिलने के बाद अधिकारी अस्पतालों पर और छापेमारी की योजना बना रहे हैं।
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