पटना। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान होते ही आगामी महामहिम के चेहरे को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इसके साथ बिहार में सियासत तेज हो गई है। राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चर्चा में हैं।
जदयू के मंत्रियों ने कहा है कि नीतीश कुमार राष्ट्रपति के लिए बेहतर उम्मीदवार हैं। नीतीश कुमार जैसा नेता देश में कोई नहीं है। जदयू के नेता और बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में राष्ट्रपति बनने की सभी योग्यताएं हैं।
मंत्री श्रवण कुमार ने यह भी कहा कि अगर राष्ट्रपति बनते हैं बल्कि बिहार की जनता को भी खुशी होगी। इसके साथ ही एनडीए के कई नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार इस पद के लिए सबसे उपयुक्त चेहरा हैं। नीतीश कुमार को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने की मांग को लेकर एनडीए में उठ रही मांग को लेकर राजद ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
राजद प्रवक्ता मृत्युजंय तिवारी ने पार्टी का स्टेंड साफ करते हुए कहा है कि इससे बड़ी खुशी की कोई बात नहीं होगी कि बिहार से किसी चेहरे को राष्ट्रपति बनने का मौका मिले।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इसके लिए सबसे योग्य दावेदार हैं। अगर उन्हें राष्ट्रपति बनाने के लिए उम्मीदवार बनाया जाता है तो राजद को इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी और पार्टी उन्हे अपना पूरा समर्थन देगी।
उधर, बिहार सरकार के मंत्री द्वारा नीतीश कुमार को राष्ट्रपति के लिए बेहतर उम्मीदवार बताने जाने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और मंत्री रामसूरत राय का बयान सामने आया है। गिरिराज सिंह ने कहा कि जब उम्मीदवार सामने आएगा, उसके बाद प्रतिक्रिया करेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए जब उम्मीदवार की घोषणा हो जाएगी तब देखा जाएगा।
वहीं मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि यह तो तय है राष्ट्रपति चुनाव होगा और लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है। इससे पहले भी विपक्षी खेमे से नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की चर्चा तेज थी। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गुपचुप मुलाकात ने इस चर्चा को और भी बल दे दिया था।
हालांकि नीतीश कुमार ने इन अटकलों को खारिज कर दिया था। नीतीश कुमार कह चुके हैं कि उनकी इस पद को लेकर कोई दावेदारी नहीं है और न ही इच्छा है। हालांकि वह इच्छा जता चुके हैं कि केंद्र की राजनीति में जाना चाहते हैं।
दरअसल, नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की पहल सबसे पहले प्रशांत किशोर ने शुरू की थी। प्रशांत किशोर ने गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा की शुरुआत की थी, लेकिन बाद में जब नीतीश कुमार ने इसे अटकल बताया तो प्रशांत किशोर भी हाथ जोड़कर किनारे हो लिये थे लेकिन अब एक बार फिर से नीतीश कुमार के नाम की चर्चा शुरू हो गई है।
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