नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने कहा कि अग्निपथ युवाओं को बेरोजगार करने के साथ देश से गद्दारी करने की योजना है।
आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ पूरे देश में नौजवानों का आंदोलन चल रहा है। उनका आक्रोश पूरे देश में देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश से भारी संख्या में नौजवान सेना में भर्ती होते हैं, वो इस निर्णय को लेकर आक्रोशित हैं। पिछले दो-तीन दिनों से सेना के तमाम पूर्व अधिकारियों का बयान आए। देश के रक्षा विशेषज्ञों के बयानों को सुनने के बाद ही ऐसा लगता है कि ये सिर्फ नौजवानों को बेरोजगार बनाने की योजना नहीं है बल्कि भारत माता की सुरक्षा के साथ समझौता, गद्दारी करने की नरेंद्र मोदी की योजना है। यह भारत की सेना, भारत की गौरव के साथ गद्दारी है। यह गद्दारी भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल सहित बड़े-बड़े पदों पर रहे सेना के कई पूर्व अधिकारियों का बयान सुने हैं। वह कह रहे हैं कि किसी बड़े ऑपरेशन के लिए हमें 6 से 8 साल सेना में सेवाएं देने वाले मजबूत जवान की जरूरत होती है। किसी बड़े ऑपरेशन में न्यूनतम 5 साल तक सेना में अपनी सेवा दे चुके जवान को लगाया जाता है। नए जवानों को पीछे रखा जाता है और जो ट्रेंड जवान होते हैं, उनको आगे रखा जाता है। विदेशों में भी अगर कोई शांति सेना भेजनी है तो 5 साल तक सेना में सेवाएं दे चुके होते हैं उनको भेजा जाता है।
आप नेता ने कहा कि कोई जवान अगर आज सेना में भर्ती होता है तो उसको एक साल की ट्रेनिंग देने का नियम है। नरेंद्र मोदी ने इस प्रशिक्षण को घटाकर छह महीने कर दिया। सेना में जवान जो एक साल के कठिन परिश्रम के साथ दुश्मन देशों से लड़ने के लिए तैयार किया जाता है, उसे छह महीने में ही तैयार किया जाएगा। प्रधानमंत्री बताएं कि क्या यह दुश्मन देशों के साथ भारत की सुरक्षा से समझौता नहीं है। क्या यह भारत की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं है। अगर दुश्मन देश हमारे ऊपर आक्रमण करता है तो हमें प्रशिक्षित सेना के मजबूत जवान चाहिए या प्राइवेट कंपनी के लिए लाई गई छह महीने की अस्थाई योजना के तहत तैयार जवान चाहिए। इसका जवाब देश आपसे जानना चाहता है। भारत माता की सुरक्षा के साथ आपने समझौता क्यों किया।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि आप पैसे की दलील देते हैं। क्या भारत माता की रक्षा के लिए पैसों की दलील दी जाएगी। देश के जवानों के लिए पैसों का अभाव हो गया है। लेकिन अपने मेहुल भाई, नीरव मोदी, ललित मोदी, विजय माल्या सहित अन्य के लिए आर्थिक संकट नहीं है। हर साल अगर 46 हजार नौजवान सेना में भर्ती हो रहे हैं। उनको 30 हजार रुपए की तनख्वाह आप देते हैं तो 138 से 150 करोड़ रुपए का भार हर साल आएगा। अगर आप 20 साल तक तनख्वा देते रहे तो 30 हजार करोड रुपए का भार आएगा। तनख्वाह बढने पर भी 40 हजार करोड रुपए का भार आएगा। हर साल 55 हजार सैनिक रिटायर होते हैं। 46 हजार आप रखने जा रहे हैं, उसमें भी हर साल करीब नौ हजार सैनिक कम हो रहे हैं। आप पर अतिरिक्त भार कहां पड़ रहा है। इन 46 हजार को आप 30 हजार रुपए तनख्वाह दे रहे हैं तो 20 साल में अधिकतम 32 हजार करोड़ का भार आएगा। जबकि मेहुल चौकसी 20 हजार करोड़, विजय माल्या 10 हजार करोड़, नितिन संदेशरा 06 हजार करोड, ललित मोदी 2800 करोड लूटकर भाग गया।
उन्होंने कहा कि दुश्मन देशों के साथ लड़ाई में आप अप्रशिक्षित सेना को भेजने का काम करेंगे। यह बात हिंदुस्तान की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। यह सिर्फ नौजवानों की बेरोजगारी का सवाल नहीं है। यह भारत माता की सुरक्षा, भारत के गौरव और भारतीय सेना के शौर्य का सवाल है, जिसको कम करने की कोशिश आप कर रहे हैं। मैं चेतावनी देना चाहता हूं यह काम मत कीजिए।
आप के वरिष्ठ नेता ने कहा कि एक जवान जब देश के लिए लड़ता है तो वह यह सोचकर शहीद होता है कि उसके गांव में उसके नाम पर एक गेट बनेगा, जिस पर शहीद का नाम लिखा होगा। उसके गांव के लोग गर्व से कहेंगे कि भारत का यह लाल हमारे गांव का है। उसके मां-बाप का सीना फक्र से चौड़ा हो जाएगा। दुश्मन देश से लड़ता है कि अगर विजय हासिल हुई तो हमारी छाती पर अशोक चक्र, परमवीर चक्र का मेडल लगेगा। लेकिन मोदी सरकार ने पेंशन, मेडिकल सहित सब खत्म कर दिया।
उन्होंने कहा कि आप पार्टी का सड़क पर आंदोलन चल रहा है। जैसे ही सदन शुरू होगा तो संसद के अंदर भी इस मामले को मजबूती से उठाएंगे। यह योजना वापस होनी चाहिए। इसे वापस करना ही पड़ेगा। देश के नौजवानों के साथ धोखेबाजी मत कीजिए। देश के प्रधानमंत्री कहां छुपे हुए हैं। क्या वह सामने आकर नौजवानों से अपील नहीं कर सकते कि हम भारत माता की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देश हमारे ऊपर हमला करेंगे तो हमें ट्रेंड जवानों की जरूरत है। क्या एक शब्द हमारे देश के प्रधानमंत्री नहीं कह सकते कि अग्निवीर योजना को वापस लेते हैं नौजवानों।
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