नई दिल्ली। यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही दक्षिण अफ्रीका मध्य प्रदेश के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका के चीते कुलांचे भरेंगे। भारत सरकार अगस्त तक देश में चीता के दोबारा पुनर्वास को लेकर तैयार है। देश से चीता विलुप्त हो चुका है और दोबारा पुनर्वास की कोशिशों के तहत दक्षिण अफ्रीका से चीता लाकर मध्य प्रदेश के एक अभयारण्य में रखा जाएगा।
पर्यावरण मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के लिए 10 वर्ग किलोमीटर का एक विशेष घेरा तैयार किया गया है। अधिकारी ने कहा कि यह विशेष घेरा जल्द ही कम से कम छह चीतों का घर होगा, जो दक्षिण अफ्रीका से यहां लाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता हो चुका है और कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा इसकी समीक्षा की जा रही है। इसके अलावा देश में चीतों को लाने के लिए नामीबिया के साथ भी बातचीत चल रही थी, लेकिन शिकार से संबंधित कुछ मुद्दों को लेकर बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी योजना हर साल 8-10 चीतों को लाने की है ताकि इनकी संख्या पांच साल की अवधि में बढ़कर 50 हो जाए।’’
चीतों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की एक टीम अगले सप्ताह कुनो-पालपुर का दौरा कर रही है।
चीतों को भारत लाने की चर्चा वर्ष 2009 में वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा शुरू की गई थी। प्राकृतिक निवास स्थानों के खत्म होने और शिकार के कारण चीता देश से लुप्त हो चुका है।
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