बिहार: अग्निपथ मामले में हिंसा फैलाने में कोचिंग संस्थानों की भूमिका पर होगी जांच



पटना। अग्निपथ योजना को लेकर उपद्रव कराने में कुछ कोचिंग संस्थानों का भी हाथ है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को इस मामले में सबूत भी हाथ लगे हैं। जिसके आधार पर जांच के साथ कार्रवाई किए जाने की बात की जा रही है। प्रशासन दोषियों की पहचान करने में जुट गया है। ऐसा माना जा रहा है कि राजधानी पटना से लेकर राज्य के जिला मुख्यालयों पर कोचिंग सेंटर के आसपास के इलाकों में छात्रों के अगुवाई में आंदोलन की बड़ी कहानी छिपी है।

पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने वालों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने बताया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल पर कुछ कोचिंग सेंटरों के वीडियो फुटेज और व्हाट्सएप मैसेज मिले हैं। हम उस आधार पर कोचिंग सेंटरों की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं। जिन कोचिंग संस्थानों की संलिप्तता होगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

उन्होंने कहा कि आंदोलन में कोचिंग संचालकों की गतिविधियों की जांच का आदेश दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कोचिंग सेंटर्स की किसी भी तरह की भागीदारी सामने आई तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। उपद्रव को देखते हुए राज्य के 15 जिलों में अगले 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। 

पटना सहित आसपास के जिलों में जहां भी प्रदर्शन हो रहा है, वहां कोचिंग का बड़ा केंद्र है। सुरक्षा एजेंसियों को भी ऐसे नेताओं की तलाश है, जो पर्दे के पीछे से आंदोलन को हवा दे रहे हैं। इस बार के आंदोलन में छात्रों में मुंह को कपड़े से ढंका हुआ है, जिससे उन्हें पहचना बड़ी चुनौती है। प्रदर्शन के लिए छात्रों को इकट्‌ठा करने का पूरा ट्रेंड ही बदल दिया गया है। 

पटना से लेकर राज्य के अन्य इलाकों में आंदोलन की आग कोचिंग सेंटर्स के आसपास छात्रों के आवासीय इलाकों से सुलग रही है। पटना के मछुआ टोली, भिखना पहाड़ी और दूसरे कोचिंग के हब कहे जाने वाले इलाकों में छात्रों के गुस्से ने यह संकेत दे दिया है कि आरआरबी-एनटीपीसी के खिलाफ आंदोलन की तरह अग्निपथ के खिलाफ आंदोलन में भी उसी ट्रेंड पर काम हो रहा है। 

वहीं, खुफिया सूत्रों की मानें तो आरआरबी-एनटीपीसी के खिलाफ हुए आंदोलन में कोचिंग संचालकों का नाम आने के बाद अब आंदोलन में छात्रों के मूवमेंट तय करने का पूरा ट्रेंड बदल गया है। पुलिस से बचने के लिए मैसेज से परहेज किया जा रहा है। सोशल मीडिया का कम से कम इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में नया ट्रेंड व्हाट्सएप से ग्रुप कॉल का निकाला गया है।

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