पटना। बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन का दौर जारी है। बिहार अग्निपथ की आग में जल रहा है, आज चौथे दिन भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया।
इस कड़ी में आज आहूत बिहार बंद में सुबह-सुबह जहानाबाद में एक बस और एक ट्रक फूंक दी गई तो पुलिस पर पथराव भी हुआ। वहीं, हजारों की संख्या में तारेगना रेलवे स्टेशन पर पहुंचे उप्रदवियों ने रेलवे स्टेशन में आग लगा दी, जिसके चलते स्टेशन पूरी तरह से जलकर खाक हो गया।
जानकारी के अनुसार पटना के मसौढी में पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच फायरिंग हुई। जहानाबाद, मुंगेर और पटना में पथराव की सूचना है। बंद समर्थकों ने अरवल में एंबुलेंस पर भी हमला कर दिया। जबकि सुपौल जिले के लोहियानगर में प्रदर्शनकारियों ने सहरसा से दरभंगा जा रही पैसेंजर ट्रेन को बीच रास्ते में रोककर उसमें आग लगा दी।
वहीं जिले से आई तस्वीरें बेहद चिंताजनक हैं, जहां आईबी अलर्ट के बावजूद ट्रेन को आग के हवाले कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि बिहार बंद को राजद, वाम दलों, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा एवं विकासशील इनसान पार्टी ने समर्थन किया था।
बिहार में उग्र आंदोलन को देखते हुए नीतीश सरकार ने इंटरनेट मीडिया के दुरुपयोग की आशंका को देखते हुए 15 जिलों में इंटरनेट व विभिन्न सोशल मीडिया साइट्स पर रविवार तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
बलवे के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड में उपद्रवियों ने थाने पर हमला कर दिया। जिसमें तीन से चार पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। बसों में भी तोड़फोड़ की और साथ ही ब्लॉक ऑफिस पर भी पथराव किया गया। उपद्रवियों को रोकने के लिए पुलिस की ओर से फायरिंग भी की गई।
सीवान में बढती हिंसा को देखते हुए जिलाधिकारी ने एक हफ्ते के लिए धारा 144 लागू कर दिया। सीवान से सटे मोतिहारी में भी जिलाधिकारी ने भी जिले के सभी कोचिंग संस्थान को 24 जून तक के लिए बंद करने का आदेश दिया है।
इस बीच कटिहार में उन्माद भड़काने की कोशिश करने को लेकर इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पुलिस एक संगठन से जुड़े आठ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। सभी पीएफआई से जुड़े बताए जा रहे हैं। हालांकि, पुलिस संगठन का नाम नहीं बता रही है।
अग्निवीरों ने 4 दिनों में रेलवे की लगभग 700 करोड़ की संपत्ति जलकर खाक कर दी है। हालांकि अभी तक रेल प्रशासन की तरफ से क्षति का पूरा आंकलन नहीं किया जा सका है। ट्रेनों की 60 बोगियों के साथ 11 इंजन को आग के हवाले किया गया है। इसके साथ ही स्टेशन और रेल की अन्य कीमती संपत्तियों को भी अग्निवीरों ने स्वाहा कर दिया।
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