जब नेहरू के पास ईडी और सीबीआई का नोटिस पहुंच जाएगा, तभी कुछ लोगों के कलेजे में ठंडक पहुंचेगी

शिवसेना सांसद संजय राउत का केंद्र सरकार पर हमला



मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ ऐसे लोग हैं, जो चाहते हैं कि अब ईडी और सीबीआई सीधे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के पास नोटिस भेजे, तभी उन लोगों के मन को शांति मिलेगा।

मोदी सरकार के खिलाफ और केंद्रीय जांच एजेंसियों के नोटिस और छापेमारी के मुखर आलोचक शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने रविवार को कहा कि कुछ लोग इस देश में ऐसे भी हैं, जो चाहते हैं कि ईडी नेशनल हेराल्ड केस में सीधे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को समन जारी कर दे।

अपने कटु व्यंग्य को और धार देते हुए राउत ने कहा कि वैसे उन्हें इस मामले में उस समय कोई आश्चर्य नहीं होगा कि अगर ईडी नेहरू के शहीद स्मारक पर जाकर उनकी प्रतिमा पर पेशी का नोटिस चिपका देती है।

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में प्रकाशित अपने लेख में संजय राउत ने आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नेहरू द्वारा आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए बनाए गए हथियार की तरह था न कि उन्होंने इसे संपत्ति के नजरिये से स्थापित किया था। 

उन्होंने कहा, "आज की राजनीति व्यापारी न जाने इस बात को कब समझेंगे?" इसके साथ ही 'सामना' के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने भाजपा पर तंज कसते हुए पूछा कि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके सांसद बेटे राहुल गांधी को नेटिस भेजा है और भाजपा द्वारा द्वारा प्रचारित किया जा रहा है कि उनके द्वारा यंग इंडियन में कथित अनियमितताएं की गई हैं, जो मूलतः नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिक है।

मालूम हो कि इस समय महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन के तहत शासन कर रही है और इस बात को लेकर महाराष्ट्र भाजपा शिवसेना प्रमख और मौजूदा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से काफी माराज है। वैसे दोनों ही पार्टियां सत्ता के लिए एक-दूसरे पर धोखा देने का आरोप लगा रही हैं।

संजय राउत ने नेशनल हेराल्ड मामले में मामले में गांधी परिवार को मिले ईडी के समन के मामले में कहा कि इस अखबार को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा आजादी के संघर्ष के दौरान शुरू किया गया था। नेशनल हेराल्ड अखबार देश की आजादी के संघर्ष में काफी प्रभावी था लेकिन मौजूदा समय में वो प्रभावहीन अखबार है लेकिन बावजूद इसके नेशनल हेराल्ड को लेकर राजनीति की जा रही है।

शिवसेना प्रवक्ता ने कहा, "साल 1937 में जब जवाहरलाल नेहरू ने इस अखबार की शुरुआत की थी, तब इसके साथ महात्मा गांधी, वल्लभभाई पटेल और खुद नेहरू जैसे महान नेता इसके साथ थे।

उस जमाने में इस अखबार का यह असर था कि अंग्रेजी शासन इसकी तथ्यात्मक रिपोर्टिंग से बेहद डर गई थी और यही कारण था कि अंग्रेजों ने नेशनल हेराल्ड पर साल 1942 से 45 के बीच प्रतिबंध भी लगा दिया था।

इसके साथ ही संजय राउत ने कहा कि नेशनल हेराल्ड जब शुरू किया गया था तो इसको किसी आर्थिक लाभ के लिए नहीं शुरू किया गया था, बल्कि ये तो हमारी आजादी के संघर्ष का प्रतीक था लेकिन आज दुर्भाग्य है कि ईडी ने इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए आरोपों पर सफाई देने के लिए अपने दफ्तर में तलब कर लिया है। 

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