भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने प्रदेश के खंडवा जिले में वाहन चोरी के अपराध में पकड़े गये कथित चोर की पुलिस अभिरक्षा में एक दिन पहले हुई मौत पर संज्ञान लेते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को नोटिस जारी कर उनसे दो माह में जवाब मांगा है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने बृहस्पतिवार को एक विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है।
विज्ञप्ति के अनुसार मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मानव अधिकार हनन से जुड़े एक मामले में संज्ञान लेकर संबंधित से जवाब मांगा है।
इसमें कहा गया है, ‘‘खंडवा जिले में वाहन चोरी के अपराध में पकड़े गये शातिर चोर की पुलिस अभिरक्षा में बीते बुधवार को मौत हो गई। शहर कोतवाली से पुलिस आरोपी को बेहोशी की हालत में लेकर जिला अस्पताल पहुंची, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।’’
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसपी खंडवा से जवाब मांगा है। आयोग ने कहा है कि एसपी घटना से जुड़े सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ (पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित) दो माह में विस्तृत प्रतिवेदन भिजवायें।’’
उल्लेखनीय है कि मृतक के परिजनों का आरोप हैं बड़वाह निवासी भगवान सिंह (65)को उच्च रक्तचाप की बीमारी थी, इसके बावजूद पुलिस ने अभिरक्षा में उसे दवा तक नहीं खाने दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
एसपी, खंडवा ने इस मामले में कोतवाली थाना के प्रभारी को हटा दिया है। मामले की न्यायिक जांच भी शुरू हो गई है।
परिजनों का आरोप है कि भगवान सिंह को पुलिस ने 17 जून को ही पकड़ लिया था, लेकिन 21 जून को उसे अदालत में पेश किया और उसकी हिरासत ली। अगले दिन बुधवार की सुबह अचानक उसकी हालत बिगड़ी, उल्टियां हुईं और उसने दम तोड़ दिया। आशंका है कि हृदयघात से उसकी मौत हुई होगी।
वहीं, एसपी का कहना है मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में भगवान सिंह को गिरफ्तार किया गया था। बुधवार को तबीयत खराब हुई, तो थाना प्रभारी उसे अस्पताल लेकर गये, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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