नई दिल्ली। दिल्ली से सटे नोएडा में सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस अस्पताल में पहली बार इम्पेला, बहुत छोटे आकार का हार्ट पंप की मदद से 62 वर्षीय मरीज की जटिल एंजियोप्लास्टी/स्टेंटिंग को सफलतापूर्वक किया गया। मरीज की 4 साल पहले फोर्टिस अस्पताल में मरीज की एंजियोप्लास्टी और दाहिनी आर्टरी की स्टेंटिंग की गई थी। हालांकि, पिछले दो साल से मरीज को सांस फूलने की समस्या थी और चलते समय सीने में दर्द के साथ दम घुटने की शिकायत थी।
फोर्टिस अस्पताल नोएडा में कार्डियक साइंसेज के चेयरमैन, डॉ. अजय कौल और कार्डियोलॉजी के एचओडी व डायरेक्टर, डॉ. संजीव गेरा ने कहा कि यह मामला दुर्लभ नहीं है क्योंकि हमने मल्टीपल ब्लॉकेज के कई मामले देखे हैं, जिनका इलाज बाईपास सर्जरी से किया जाता है जो कि मल्टीपल ब्लॉकेज के इलाज के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड प्रोसीजर है। लेकिन इस मामले में चुनौती यह थी कि मरीज पहले धूम्रपान करता था और उसके फेफड़े की स्थिति बाईपास सर्जरी के हिसाब से अच्छी नहीं थी। बाईपास सर्जरी में बहुत ज्यादा जोखिम को देखते हुए उन्हें इम्पेला असिस्टेड एंजियोप्लास्टी (प्रोटेक्टेड पीसीआई) की सलाह दी गई।
डॉ. गेरा ने बताया कि हमने इम्पेला 2.5 का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया क्योंकि दिल की पंपिंग कार्यक्षमता लगभग 30प्रतिशत -35 प्रतिशत (इजेक्शन फैक्शन) थी और थोड़ा वाल्व लीकेज भी था। मेडिकल स्टेबिलाइजेशन के बाद मरीज़ को इम्पेला के साथ मल्टीवेसल एंजियोप्लास्टी करने के लिए ले जाया गया। मरीज के बाएं पैर की फेमोरल आर्टरी के जरिए उसके बाएं वेंट्रिकुलर में इम्पेला को इंप्लांट किया गया ताकि उसके दिल को काम करने में सहायता मिले व प्रोसीजर के जोखिम को कम किया जा सके। मरीज़ को इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड गाइडेंस में रखते हुए 3 घंटे में 4 स्टेंट लगाकर उनकी एंजियोप्लास्टी की गई।
إرسال تعليق